नई दिल्ली: मालदीव ने घोषणा की है कि वह गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध के बीच इजरायली पासपोर्ट धारकों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएगा। हिंद महासागर में स्थित ये द्वीप देश पर्यटन के लिए जाना जाता है। मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति कार्यालय ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह घोषणा की। मालदीव अपने शानदार रिसॉर्ट्स और फेद रेत के समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कैबिनेट की सिफारिश के बाद प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया।
राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि देश के कानूनों में संशोधन किया जाएगा और प्रयासों की निगरानी के लिए एक कैबिनेट उपसमिति की स्थापना की जाएगी। प्रतिबंध की खबर के बाद इजरायली विदेश मंत्रालय ने इजरायलियों को मालदीव की यात्रा से बचने की सलाह दी और वहां रहने वाले इजरायली नागरिकों के लिए, देश छोड़ने पर विचार करने की सिफारिश की गई है, क्योंकि यदि वे किसी भी कारण से संकट में पड़ जाते हैं, तो मदद के लिए मुश्किल होगा। इस बीच इजरायली सोशल मीडिया हैंडल इजरायल वार रूम से मालदीव के इस फैसले का मजाक उड़ाया गया है। इसने भारतीय द्वीप लक्षद्वीप का जिक्र करते हुए ये कहा है कि सुना है कि लक्षद्वीप वैसे भी मालदीव से ज्यादा खूबसूरत है। मालदीव के इस फैसले को वहां के नए राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के कट्टरवादी रूख से जोड़ के भी देखा जा रहा है।
बता दें कि दुनिया भर से जंग रोकने की अपीलों के बीच भी इजरायल ने गाजा में अपना सैन्य अभियान जारी रखा है। इजरायल की सेना ने शुक्रवार को दक्षिणी गाजा के राफा शहर के मध्यवर्ती इलाकों में सैन्य कार्रवाई तेज किए जाने की पुष्टि की। सेना ने एक बयान में कहा कि मध्य राफा में इजरायली सैनिकों ने हमास द्वारा उपयोग की जाने वाली सुरंगों का पता लगाया है तथा इसके हथियार भंडारण स्थान को ध्वस्त कर दिया है।
इजरायल ने छह मई को शहर पर अपना जमीनी हमला शुरू किया था और वह मुख्य रूप से इसके पूर्वी जिलों और मिस्र की सीमा के करीब अपना अभियान चला रहा है। इस सप्ताह, इजराइली बल शहर के पश्चिमी जिले तेल अल-सुल्तान में भी पहुंच गये। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में अब तक 35 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं।