मालदीव: भारतीय और ब्रिटिश पत्रकारों को किया जाएगा रिहा, नहीं होगी कोई कानूनी कार्रवाई
By IANS | Published: February 10, 2018 04:13 PM2018-02-10T16:13:45+5:302018-02-10T16:30:11+5:30
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने छह फरवरी को देश में 15 दिन के लिए आपातकाल घोषित किया था।
मालदीव में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच गिरफ्तार किए गए दो पत्रकारों को उनके देश वापस भेजा जाएगा। ये दोनों पत्रकार एक वैश्विक समाचार एजेंसी में काम करते हैं। इनमें से एक पत्रकार भारतीय है और दूसरा भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने छह फरवरी को देश में 15 दिनों के लिए आपातकाल घोषित किया था।
भारतीय नागरिक अमृतसर निवासी मनी शर्मा और भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक आतिश रावजी पटेल, हिंद महासागर के इस प्रवाली राष्ट्र में समाचार एजेंसी एएफपी के लिए आपातकाल को कवर कर रहे थे। मालदीव का मौजूदा राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति यामीन के खिलाफ महाभियोग का मामला चलाने और राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया। राष्ट्रपति यामीन ने शीर्ष अदालत का फैसला मानने से मना कर दिया और आपातकाल लगाकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत कई न्यायिक अधिकारियों को गिरफ्तार करवा दिया।
मालदीव सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि दोनों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया और अब उन्हें उनके देशों को सौंपने की तैयारी पूरी हो चुकी है, क्योंकि वे देश में पर्यटन वीजा पर काम कर रहे थे, जो आव्रजन कानून का उल्लंघन है। हालांकि उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। बयान में कहा गया है, "हमने पाया कि दोनों (दोनों पत्रकारों) ने मालदीव से जाने की बात कही, जिसके बाद उनके खिलाफ कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया।"
बयान में कहा गया है, "सभी विदेशी नागरिकों को देश में काम करने के लिए बिजनेस या फिर कार्य वीजा चाहिए होता है और यह शर्त पत्रकारों पर भी लागू होती है।"भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि उसे सूचना प्राप्त हुई है कि एक भारतीय नागरिक मनी शर्मा जो बतौर पत्रकार कार्यरत थे, उन्हें मालदीव के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "हमने अपने दूतावास से स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में रहने को कहा, ताकि मामले में अधिक जानकारी जुटाई जा सके।"