मालदीव संकट: राष्ट्रपति के खिलाफ फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पुलिस ने हिरासत में लिया

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 6, 2018 07:52 IST2018-02-06T07:35:36+5:302018-02-06T07:52:42+5:30

मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन ने सोमवार शाम देश में 15 दिन के आपातकाल की घोषणा की। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का आदेश दिया है।

Maldives Crisis: After Verdict against president abdulla yameen police took Supreme Court Chief Ali Hameed Justice | मालदीव संकट: राष्ट्रपति के खिलाफ फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पुलिस ने हिरासत में लिया

मालदीव संकट: राष्ट्रपति के खिलाफ फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पुलिस ने हिरासत में लिया

मालदीव का राजनीतिक संकट और गहरा हो गया है। मंगलवार (छह फ़रवरी) को मालदीव के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अली हमीद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के अन्य अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में महाभियोग चलाने का फैसला दिया था जिसे मानने से राष्ट्रपति यमीन ने इनकार कर दिया। राष्ट्रपति यमीन ने सोमवार (पाँच फ़रवरी) को देश में 15 दिन के आपातकाल की घोषणा कर दी। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में देश के सभी राजनीतिक बंदियों को भी रिहा करने का आदेश दिया था। जेल में बंद कैदियों में मालदीव के पहले लोकतांत्रिक ढंग से चुने गये राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी शामिल हैं।राष्ट्रपति यमीन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी नेताओं के एक समूह की रिहाई का आदेश देने में अपने अधिकारों की सीमा रेखा लांघी है। राष्ट्रपति यमीन द्वारा सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इनकार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भारत समेत अन्य लोकतांत्रिक देशों से मामले में दखल देने की अपील की थी। 

राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद ने उनके खिलाफ झूठा मुकदमा चलाया है। यामीन उनके खिलाफ फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों को बरखास्त करवाना चाहते हैं। मालदीव सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ पदस्थ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हसन सईद के घर पर छापा मारा गया है और न्यायधीशों को डराने की कोशिश की जा रही है। 

मालदीव के पुलिस प्रमुख और मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स ने पहले ही कहा था कि वो एटार्नी जनरल मोहम्मद अनील का आदेश मानेंगे न कि सुप्रीम कोर्ट का। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए रविवार शाम को कहा था कि वो कानून-व्यवस्था पर अमल कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करना पड़ेगा क्योंकि उन सभी को राजनीति से प्रेरति और दोषपूर्ण मुकदमे के तहत जेल भेजा गया। राष्ट्रपति यमीन के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार करने के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं।  इससे पहले सरकार द्वारा दाखिल रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायिक अधिकारी अब्दुल्ला सईद ने खारिज कर दिया और सरकार को आदेश मानने को कहा था। अब्दुल्ला सईद ने मीडिया से कहा था कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं इसलिए वह  कुछ वकीलों के साथ कोर्ट में ही रहेंगे।



 

सेना और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को घेर रखा था। आपातकाल लागू होने के बाद आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है साथ ही पुलिस और सेना को आदेश दिया गया है कि कि वे राष्ट्रपति की गिरफ्तारी या उन पर महाभियोग चलाने के आदेश को मानने से इनकार कर दें। 

Web Title: Maldives Crisis: After Verdict against president abdulla yameen police took Supreme Court Chief Ali Hameed Justice

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