बेरुत बंदरगाह पर हुए विस्फोट के बाद लेबनान में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री हसन दिआब समेत पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया है। लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दिआब ने कहा कि वह पिछले हफ्ते बेरुत बंदरगाह पर हुए विस्फोट के मद्देनजर अपने पद से हट रहे हैं, जिसको लेकर लोगों में सार्वजनिक रोष हैं और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री हसन दिआब ने सोमवार को कहा, "वह एक कदम पीछे ले जा रहे हैं, ताकि वह लोगों के साथ खड़े रह सकें और उनके साथ बदलाव के लिए लड़ाई लड़ सकें।" उन्होंने कहा, "मैं आज इस सरकार के इस्तीफे की घोषणा करता हूं। भगवान लेबनान की रक्षा करेंगे।"
सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब लोग देश के नेताओं पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह धमाका भ्रष्टाचार का परिणाम था और लेबनान में भ्रष्टाचार राज्य से बड़ा है।
धमाके में 200 ज्यादा लोगों की हुई है मौत
बता दें कि बेरुत में भीषण धमाका एक गोदाम में आग लगने से हुआ था, जहां असुरक्षित तरीके से करीब 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा गया था। चार अगस्त को हुए विस्फोट में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 110 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, वहीं करीब 6000 लोग इस धमाके में घायल हुए हैं। धमाके में देश का मुख्य बंदरगाह पूरी तरह से नष्ट हो गया और करीब तीन लाख लोग बेघर हो गए है।