सऊदी अरब: ट्विटर-वॉट्सऐप इस्तेमाल कर “शत्रुतापूर्ण” मैसेज शेयर करने पर लॉ प्रोफेसर को मिली मौत की सजा, जानें पूरा मामला
By आजाद खान | Published: January 15, 2023 10:45 PM2023-01-15T22:45:51+5:302023-01-15T23:04:39+5:30
ऐसे में जिन आरोपों को लेकर प्रोफेसर को सजा सुनाई गई है, इस पर अलोचकों का कहना है कि प्रोफेसर एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध बुद्धिजीवी शख्स थे जिनके ट्विटर पर 20 लाख फॉलोअर्स थे।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
रियाद: सऊदी अरब में 65 साल के लॉ के मशहूर प्रोफेसर अवध अल-क़रनी को मौत की सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर को यह सजा ट्विटर अकाउंट रखने और राज्य के लिए “शत्रुतापूर्ण” मैसेज शेयर करने के लिए सुनाई गई है। यही नहीं उन पर व्हाट्सएप को इस्तेमाल करने और इससे जुड़े कई और मामलों में यह सजा सुनाई गई है।
आपको बता दें कि मशहूर प्रोफेसर अवध अल-क़रनी को 2017 में गिरफ्तार किया गया था। ऐसे में दावा है कि यह कार्रवाई और गिरफ्तारी नए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सरकार द्वारा की गई है।
क्या है पूरा मामला
द गार्डियन की रिपोर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी नियंत्रित मीडिया ने प्रोफेसर को एक खतरनाक उपदेशक के तौर पर पेश किया है। ऐसे में प्रोफेसर को लेकर यह जानकारी उनके बेटे नासेर ने दिया है जो सऊदी अरब से भाग कर यूके चला गया है और वहां शरण लिया है।
हांलाकि की जानकारों का कहना है कि प्रोफेसर एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध बुद्धिजीवी थे और ट्विटर पर उनके 20 लाख फॉलोअर्स है। मानवाधिकार अधिवक्ताओं और निर्वासन पर रहने वाले लोगों ने यह चेतावनी दी है कि सऊदी की सरकार जिस सरकार अलोचक मानती है उसके लिए नई और गंभीर कार्रवाई में लगी है।
इससे पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि ऐसी घटनाएं घटी है। इससे पहले इस तरह की घटना घट चुकी है। इसी कड़ी में पिछले साल लीड्स पीएचडी की छात्रा और दो बच्चों की मां सलमा अल-शहाब को ट्विटर अकाउंट रखने और विरोधियों तथा एक्टिविस्टों को फॉलो करने और उनके ट्वीट को रिट्वीट करने के लिए 34 साल की सजा सुनाई गई है।
यही नहीं एक और महिला जिसका नाम नौरा अल-क़हतानी है, उसको ट्विटर को इस्तेमाल करने को लेकर 45 साल की सजा सुनाई गई है।