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आर्थिक संकट गहराने के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति आवास के सामने देर रात हजारों लोगों का विरोध प्रदर्शन, पुलिस बस में लगाई आग

By अनिल शर्मा | Updated: April 1, 2022 07:21 IST

श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। रसोई गैस की भी कमी हो गई है और बिजली कटौती दिन में 13 घंटे तक की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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ठळक मुद्देश्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई हैआर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके घर के सामने लोगों ने विरोध प्रदर्शन कियाभीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़े, वहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बस में आग लगा दी

कोलंबोः श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर गुरुवार देर शाम यहां उनके आवास के सामने लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। करीब 5,000 से अधिक लोगों ने राष्ट्रपति के घर के पास एक विरोध मार्च निकाला और उनके इस्तीफे की मांग की। इस दौरान वे पुलिस से भी भिड़ गए। विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए अर्धसैनिक पुलिस इकाई, एक विशेष कार्य बल को बुलाना पड़ा। जमा हुए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की।

गौरतलब है कि श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। रसोई गैस की भी कमी हो गई है और बिजली कटौती दिन में 13 घंटे तक की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है।  गुरुवार को डीजल उपलब्ध नहीं था, जिससे देश के 22 मिलियन लोगों को 13 घंटे बिजली की कटौती झेलनी पड़ रही है। सड़कों पर परिवहन बंद हो गए हैं। बिजली कटौती का असर सीधे उन सरकारी अस्पतालों पर पड़ा, जिन्होंने दवाओं की कमी के कारण पहले ही सर्जरी बंद कर दी थी। 

 बिजली की कटौती के कारण मोबाइल सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज को ट्रेडिंग को आधे से दो घंटे तक सीमित करना पड़ा और कार्यालयों ने गैर-आवश्यक कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए कहा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक मंत्री के हवाले से बताया कि बिजली बचाने के लिए स्ट्रीट लाइट बंद की जा रही हैं।

प्रदर्शनकारी गुरुवार शाम राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के घर के पास जमा हो गए और जोर-जोर से नारे लगाने लगें कि 'वह और उनका परिवार घर जाओ'। बता दें कि राष्ट्रपति के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करते हैं, जबकि सबसे छोटे तुलसी राजपक्षे वित्त विभाग रखते हैं। सबसे बड़े भाई चमल राजपक्षे कृषि मंत्री हैं जबकि भतीजे नमल राजपक्षे खेल के लिए कैबिनेट पद पर हैं।

परेशानी तब शुरू हुई जब पुलिस ने पोस्टर लहरा रहे और नारेबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने का प्रयास किया। भीड़ ने पुलिस पर बोतलें और पत्थर फेंके जिसके बाद पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। मौके से मिले दृश्यों में भीड़ को बाइक पर सवार दो पुलिसकर्मियों को घेरते दिखाई दिए। पुलिस बस में आग लगा दी। एजेंस फ्रांस-प्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि विरोध के दौरान श्री राजपक्षे घर पर नहीं थे।

 

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