कोविड के टीके : पत्रिकाओं को प्रतिनिधि नियामकों के रूप में देखे जाने का खतरा

By भाषा | Updated: May 21, 2021 17:09 IST2021-05-21T17:09:15+5:302021-05-21T17:09:15+5:30

Kovid's Vaccines: The Danger of Seeing Magazines as Representative Regulators | कोविड के टीके : पत्रिकाओं को प्रतिनिधि नियामकों के रूप में देखे जाने का खतरा

कोविड के टीके : पत्रिकाओं को प्रतिनिधि नियामकों के रूप में देखे जाने का खतरा

(क्रिस्टोफर वेन तुलेकेन, यूसीएल)

लंदन, 21 मई (द कन्वर्सेशन) टीकाकरण के इतिहास को सतही तौर पर पढ़ने से आपको लग सकता है कि यह बहुत ही आसान है। चेचक के पहले सफल टीकाकरण के परीक्षण, जोकि 1976 में हुआ, से पूर्व लोगों को टीका लगाने के लिए 1,000 वर्षों तक चेचक के सूखे छालों का प्रयोग किया गया। एडवर्ड जेनर ने 1796 में आठ साल के मात्र एक बच्चे पर यह परीक्षण किया था।

हालांकि, एक और अधिक विस्तृत अध्ययन में, मौजूदा वैश्विक महामारी में अत्यंत प्रासंगिक दो महत्त्वपूर्ण जोखिमों का खुलासा होता है।

पहला यह है कि वह बेकार टीका न सिर्फ बचाव करने में विफल रहा बल्कि मरीजों को सीधे तौर पर नुकसान भी पहुंचा सकता था। कुछ लोगों में फिर से संक्रमण हो सकता है जबकि इसे अधिक गंभीर बीमारी से बचाव करने वाला समझा जा रहा था।

दूसरा खतरा यह है टीकों में विश्वास को आसानी से झटका लगता है और इनमें फिर से विश्वास जगा पाने में बहुत देर लगती है। लोग स्वस्थ लोगों को दिए गए बचाव उपायों को लेकर चिंतित महसूस करने लगते हैं। इसी का नतीजा था कि जेनर के सफल परीक्षण के महज कुछ वर्षों बाद पहला टीकाकरण रोधी अभियान चल पड़ा था।

रूसी सरकार अगस्त 2020 में दोनों जोखिमों को उठाते हुए दिखी जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोवि़ड-19 के नये टीके स्पूतनिक वी के पंजीकरण की घोषणा की थी।

पुतिन ने जहां कहा कि यह “सभी आवश्यक परीक्षणों” से गुजर चुका है, वहीं पंजीकरण प्रमाण-पत्र में कहा गया कि इसका केवल 38 प्रतिभागियों पर परीक्षण किया गया। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो प्रतिक्रियाएं आईं उनमें चिंता से लेकर आक्रोश तक जताया गया और उस घोषणा के बाद से स्पूतनिक के बारे में हर चीज विस्तृत छानबीन के लायक लगती है।

सितंबर में पहला सहकर्मी समीक्षित स्पूतनिक वी संबंधित आंकड़ा प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिका ‘द लांसेट’ में प्रकाशित हुआ। 38 में से प्रत्येक व्यक्ति को शामिल कर दो-दो अध्ययन किए गए जिनके बारे में कहा जा रहा था कि बिना किसी गंभीर समस्या के उन सभी ने ठोस प्रतिरक्षा क्षमता विकसित कर ली है।

लेकिन इतालवी वैज्ञानिक एनरिको बूची ने बहुत जल्द अनुसंधान पत्र में विसंगतियां देख ली। वह एक अनुसंधान समग्रता कंपनी चलाते हैं और उन्होंने एक खुला पत्र पोस्ट किया कि कई पैमानों पर दोनों अध्ययनों के परिणाम प्रतिभागियों के बीच एक समान दिखते हैं - जो संयोग से कहीं ज्यादा मालूम होता है। बूची और कई अन्य ने लांसेट को लिखकर इन जानकारियों तक पहुंच देने का आग्रह किया जहां से मुद्दे को सुलझाने के लिए आंकड़े पैदा किए गए।

लांसेट जानकारियों में पारदर्शिता को लेकर खुद को उदार बताता है और स्पूतनिक की टीम ने भी कहा कि जानकारियों के पैटर्न “संयोग” हैं लेकिन पुष्टि की कि वे आग्रह पर प्रत्येक प्रतिभागी की जानकारी उपलब्ध कराएंगे।

इन आश्वासनों और कई अनुरोधों के बावजूद न ही लांसेट और न ही स्पूतनिक की टीम ने कोई जानकारी उपलब्ध कराई।

लांसेट इससे पहले भी 2020 में खामियों से भरी जानकारी वाले अध्ययन को प्रकाशित कर वापस ले चुकी है। उन्होंने एमएमआर टीके को ऑटिज्म से फर्जी तरीके से जोड़ने वाले 1998 के एक शोधपत्र पर भी इसी तरह की गलती की थी जिसके बाद दुनिया भर में खसरा की दरों में जबर्दस्त वृद्धि हो गई थी।

लांसेट जैसी पत्रिकाओं से कोविड-19 या टीकों पर शोधपत्र प्रकाशित करने में सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।

इस इतिहास और पूर्व के पत्रों में गलतियों के बावजूद फरवरी 2021 में द लांसेट ने हजारों लोगों पर एक काफी बड़े अध्ययन पर अंतरिम रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके साथ पक्ष लेने वाले संपादकीय भी छपे थे। इनमें स्पूतनिक वी कोविड-19 के संभावित टीके को सुरक्षित एवं प्रभावी प्रतीत होता बताया गया और कहा कि एक और टीका अब इस जंग में शामिल हो सकता है।

इसमें भी बूची और कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों ने छोटी-मोटी खामियां निकाली थी।

ये गलतियां एवं अनियंत्रित रूप से छप रहे संपादकीय खास तौर पर चिंताजनक हैं क्योंकि यह टीका ऐसे संस्थान में विकसित हो रहा है जिसकी टीका विकास में कोई खास उपलब्धि नहीं रही है और तीसरे चरण के परीक्षण के प्रकाशन के दौरान स्पूतनिक को बड़े नियंत्रक को मंजूरी के लिए सौंपा नहीं गया था।

कई देशों ने इस टीके के आपातकालीन प्रयोग को मंजूरी दे दी है संभवत: लांसेट के अध्ययन के आधार पर ही। लेकिन सहकर्मी से समीक्षा (पियर रिव्यू) प्रक्रिया नये टीको के आकलन में उतनी पर्याप्त नहीं है जिस प्रकार एक नियामक हो सकता है।

ज्यादातर पत्रिकाओं में ऐसी समीक्षाएं संपादकीय टीम और एक सांख्यिकीविद् द्वारा निरीक्षण के बाद कुछ घंटों में समीक्षा की जाती है जो कुछ गुमनाम और बिना वेतन ले रहे विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।

इसके उलट, बड़े नियंत्रकों (ईयू का ईएमए, अमेरिका का एफडीए और ब्रिटेन का एमएचआरए) में नामित संस्थान की टीमें घोषित हितों के साथ समीक्षा करती हैं।

इसलिए पत्रिकाओं में विश्वास के आधार पर लोगों को होने वाले नुकसान और असल में सुरक्षित एवं प्रभावी टीकों में जनता के विश्वास को होने वाले नुकसान को लेकर गंभीर सवाल पूछे जाने की जरूरत है।

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Web Title: Kovid's Vaccines: The Danger of Seeing Magazines as Representative Regulators

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