न्यूयॉर्कः संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा तो भारत ने भी इसका जोरदार तरीके से जवाब दिया। भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आईना दिखाने का काम किया। जवाब देने का अधिकार के तहत पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए स्नेहा दुबे ने कहा कि 'पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवादी बेरोक टोक आ जा सकते हैं।'
स्नेहा दुबे ने कहा, पाकिस्तान आग लगाने वाला है जबकि खुद को आग बुझाने वाले के रूप में पेश करने का दिखावा करता है और पूरी दुनिया को उसकी नीतियों के कारण तकलीफ उठानी पड़ी है क्योंकि वह आतंकवादियों को पालता है।' उन्होंने कहा, यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान के नेता द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को विश्व मंच पर लाने और झूठ फैलाकर इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के एक और प्रयास के प्रत्युत्तर में हम अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
युवा भारतीय राजनयिक स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा, ‘इस तरह के बयान देने वालों और झूठ बोलने वालों की सामूहिक तौर पर निंदा की जानी चाहिए। लगातार झूठ बोलने वाले और ऐसी सोच वाले लोग दया के पात्र हैं। मैं इस मंच से स्पष्ट बात रख रही हूं।
उन्होंने आगे कहा, ‘हम सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का शिकार’ है। यह वह देश है जिसने खुद आग लगायी है और खुद को आग बुझाने वाले के रूप में पेश करता है। पाकिस्तान आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया को उनकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरी ओर, वे अपने देश में सांप्रदायिक हिंसा को आतंकवादी कृत्यों की आड़ में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। खान ने अपने संबोधन में पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले और पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बारे में बात की।
कौन है भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे?
पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आतंकवाद के मुद्दे पर आईना दिखाने वालीं स्नेहा दुबे एक प्रशासनिक अधिकारी हैं। स्नेहा दुबे ने पहले प्रयास में ही UPSC में सफलता प्राप्त की थी। साल 2012 बैच की महिला अधिकारी हैं। आईएफएस बनने के बाद उनकी पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। जिसके बाद साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में भेजा गया। फिलहाल वह संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों में रुचि के चलते स्नेहा दुबे ने भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का फैसला किया। रिपोर्ट के मुताबिक स्नेहा दुबे ने जेएनयू से एमए और एमफिल की पढ़ाई पूरी की है। गोवा से शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से स्नातक किया। स्नेहा दुबे के परिवार से कोई भी सदस्य सिविल सेवा में नहीं है।