33 वर्षीय भारतीय इंजीनियर की हत्या करने वाले 52 वर्षीय अमेरिकी गोरे को उम्रकैद, जज ने कहा- 50 साल बाद मिलेगा पैरोल
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 5, 2018 08:23 AM2018-05-05T08:23:51+5:302018-05-05T08:23:51+5:30
अमेरिका के पूर्व नौसैनिक ने ऑस्टिन स्थित एक पब एंड बार में बैठे दो भारतीयों पर ईरानी समझकर गोली चला दी थी। घटना में 33 वर्षीय श्रीनिवास की मौत हो गयी थी।
भारतीय इंजीनियर की हत्या के लिए अमेरिकी नौसेना के अधिकारी को अमेरिकी अदालत ने मौत की सजा सुनायी है। हैदराबाद के रहने वाले भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोतला की 22 फ़रवरी 2017 को गोलीबारी में मौत हो गयी थी। एडम पुरिनटन नामक श्वेत अमेरिकी ने अमेरिका के कंसास स्थिति एक पब में ईरानी मूल का समझ कर दो भारतीयों पर गोली चला दी थी। श्रीनिवास की मौके पर ही मौत हो गयी थी और आलोक मदासनी गोलीबारी में घायल हो गये थे।
एडम ने गोली चलाने से पहले चिल्लाकर कहा था कि "आतंकवादियों मेरे देश से बाहर जाओ।" श्रीनिवास और आलोक को बचाने की कोशिश में इयान ग्रिलोट नामक व्यक्ति घायल हो गया था। एडम को घटना के कुछ घण्टे बाद मिसौरी से गिरफ्तार किया गया था। घटना के बाद अमेरिका में बढ़ते हेट क्राइम को लेकर पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
33 श्रीनिवास हैदराबाद से अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में इंजीनियरिंग करने गये थे। पढ़ाई करने के बाद वो नहीं नौकरी करने लगे और स्थायी रूप से बस गये। श्रीनिवास और आलोक दोनों ही जीपीएस बनाने वाली कंपनी गारमिन में सिस्टिम इंजनीनियर के तौर पर काम करते थे। आलोक ने मीडिया को बताया था कि वो ऑस्टिन स्थिति बार में अक्सर मिलते थे।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार अमेरिकी अदालत ने 52 वर्षीय एडम को हत्या के लिए दी जाने वाली अधिकतम सजा दी गयी है। अदालत ने एडम को हत्या के लिए अधिकतम सजा देने के साथ ही दो लोगों के हत्या के प्रयास के लिए 165-165 महीने की दो अलग-अलग सजाएँ दी हैं। अदालत ने फैसले में कहा है कि एडम को 50 साल की सजा काटने के बाद पैरोल मिल सकती है। जाहिर है कि एडम की अब बाकी जिंदगी जेल में कटने वाली है। एडम ने इस साल मार्च में अदालत में हत्या और हत्या के प्रयास का दोष स्वीकार कर लिया था।
एडम को मिली सजा पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीनिवास की पत्नी सुनयना दुमला ने संतोष जताया। सुनयना ने मीडिया से कहा कि ये फैसला उनके पति को वापस नहीं ला सकता लेकिन इससे कड़ा संदेश जाएगा कि नफरत को स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुनयना ने अमेरिकी जिला एटॉर्नी कार्यालय और स्थानीय पुलिस को न्याय दिलाने के लिए आभार जताया।
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