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जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दे भारत का आंतरिक मामला, इसमें OHCHR की कोई भूमिका नहीं: इंडिया

By भाषा | Updated: March 8, 2023 08:32 IST

मामले में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने कहा है कि ‘‘इस संदर्भ में, हम उच्चायुक्त के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति के अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत चित्रण के लिए खेद व्यक्त करते हैं।’’

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में अपना रूख साफ किया है। इस पर बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में इंडिया ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। ऐसे में इस मुद्दे पर ओएचसीएचआर द्वारा दी गई टिप्पणियों को भारत ने ‘‘अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत’’ करार दिया है।

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा:भारत ने कश्मीर की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त की टिप्पणियों पर मंगलवार को खेद व्यक्त किया और उनके संदर्भ को ‘‘अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत’’ करार दिया है। 

मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र के दौरान उच्चायुक्त की टिप्पणी पर आम बहस के दौरान एक बयान में, जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने कहा कि नई दिल्ली देश के आंतरिक मुद्दों से जुड़े मामलों में मानवाधिकार आयुक्त कार्यालय की कोई भूमिका नहीं देखती है। 

भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे ने संयुक्त राष्ट्र में क्या कहा

इस पर बोलते हुए पांडे ने कहा, ‘‘अगस्त 2019 में संवैधानिक परिवर्तनों के बाद से, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर ले जाने, राजनीतिक प्रक्रियाओं में लोगों की भागीदारी बढ़ाने, जनता को सुशासन मुहैया कराने और सुरक्षा प्रदान करने तथा सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।’’ 

जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दे भारत का आंतरिक मामला-इंद्रमणि पांडे

मामले में इंद्रमणि पांडे ने आगे कहा, ‘‘इस संदर्भ में, हम उच्चायुक्त के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति के अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत चित्रण के लिए खेद व्यक्त करते हैं। मैं दोहराता हूं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित मुद्दे भारत का आंतरिक मामला है और हम इसमें ओएचसीएचआर की कोई भूमिका नहीं देखते हैं।’’ 

आपको बता दें कि इससे पहले दिन में, मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर टी. ने कहा कि उन्हें हाल के महीनों में भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ कश्मीर में ‘‘चिंताजनक मानवाधिकारों’’ की स्थिति पर चर्चा करने का अवसर मिला है।  

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