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Israel-Hamas War: ईरान ने दी इजरायल को घुड़की, कहा- "फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल की बर्बरता घातक होगी"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 16, 2023 08:27 IST

ईरान ने हमास पर बेहद तीखा हमला कर रहे इजरायल को एक बार फिर फौजी कार्रवाई बंद करने की चेतावनी दी है।

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ठळक मुद्देईरान ने इजरायल को एक बार फिर दी फौजी कार्रवाई बंद करने की चेतावनी इजरायल फिलिस्तीनियों के खिलाफ बर्बर आक्रामण को नहीं रोकता है तो परिणाम घातक होंगे अगर फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायली हमले नहीं रुके तो उसके खिलाफ भी हो सकती है कार्रवाई

तेहरान: ईरान ने हमास पर बेहद तीखा हमला कर रहे इजरायल को एक बार फिर फौजी कार्रवाई बंद करने की चेतावनी दी है। समाचार एजेंसी फ़ार्स समाचार एजेंसी ने बीते रविवार को बताया कि ईरान के विदेश मंत्री ने इज़राइल को दो टूक चेतावनी दी कि यदि वह फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपने बर्बर आक्रामण को नहीं रोकता है तो उस पर भी अन्य क्षत्रों से कार्रवाई हो सकती है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने कहा, "अगर फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल के आक्रमण नहीं रुकते हैं, तो अन्य क्षेत्रों से भी उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो सकती है।" उन्होंने कहा, "इजरायल की युद्ध नीति के कारण पूरे क्षेत्र में प्रतिरोध के नए मोर्चों खुलेंगे और इस युद्ध के बढ़ने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर अमेरिका और इज़राइल की है।"

इससे पहले भी ईरान के विदेश मंत्री अमीराब्दुल्लाहियन ने पिछले सप्ताह इज़राइल पर आरोप लगाया था कि वो गाजा पट्टी के खिलाफ घेराबंदी करके फिलिस्तीनियों  का "नरसंहार" कर रहा है।

वहीं इरान के इस प्रतिक्रिया के उलट इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजरायल ने हमास को पूरी तरह से नेस्तनाबूत करने की कमस खाई है। इसलिए इजरायल की सेना हमास लड़ाकों की तलाश में गाजा पट्टी में जाने के लिए तैयार है।

इजरायल और ईरान के इस ताजा बयान से पूर्व ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को कहा था कि तेहरान इजरायल पर हमास के किये हमले में शामिल नहीं था, लेकिन ईरान इजरायल की सैन्य और खुफिया हार से खुश है और इसके लिए हमास की सराहना करता है।

मालूम हो कि इज़रायल लंबे समय से ईरान के मौलवी शासकों पर हमास को इजरायल के खिलाफ बढ़ावा देने और उन्हें हथियारों की आपूर्ति करके का आरोप लगाता रहा है। वहीं तेहरान का इजरायल के इन आरोपों पर कहना है कि वह गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले हमास को अपनी ओर से नैतिक और वित्तीय सहायता देता है।

ईरान साल 1979 की क्रांति के बाद से फिलिस्तीनियों के पक्ष में खड़े रहने वाला प्रमुख इस्लामिक देश है और शिया बहुल ईरान ने खुद को मुस्लिम दुनिया के नेता के रूप में वैश्विक मंच पर स्थापित किया है।

वहीं ईरान समर्थित हमास ने एक बयान के माध्यम से कहा है कि अमीराब्दुल्लाहियन ने बीते शनिवार को कतर में हमास नेता इस्माइल हानियेह से मुलाकात की। जहां उन्होंने इज़राइल में हमास के घातक हमले पर चर्चा की और हमास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग जारी रखने पर अपनी सहमति व्यक्त की है।

इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने फ्रांस में अपने समकक्ष इमैनुएल मैक्रॉन के साथ हुई टेलीफोन वार्ता में अपील की कि वो इजरायल को मना करें कि वो फिलिस्तीनियों का उत्पीड़न रोके।

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