Israel-Hamas War: क्या अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है इजराइल? संयुक्त राष्ट्र ने गाजा खाली करने के आदेश पर दी प्रतिक्रिया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: October 17, 2023 16:10 IST2023-10-17T16:09:39+5:302023-10-17T16:10:55+5:30

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि ऐसा लगता है कि इज़राइल ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है कि गाजा को अस्थायी रूप से छोड़ने वाले नागरिकों को उचित आवास, साथ ही स्वच्छता, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पोषण की संतोषजनक स्थिति प्रदान की जाए।

Israel-Hamas War Gaza evacuation order could breach international law UN | Israel-Hamas War: क्या अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है इजराइल? संयुक्त राष्ट्र ने गाजा खाली करने के आदेश पर दी प्रतिक्रिया

गाजा से पलायन जारी है (फाइल फोटो)

Highlightsइजराइल का गाजा निकासी आदेश अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर सकता है - संयुक्त राष्ट्रगाजा पट्टी में 10 लाख से अधिक लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं 2,750 फलस्तीनियों की मौत हो गयी है तथा 9,700 घायल हैं

Israel-Hamas War: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि इजराइल द्वारा गाजा की घेराबंदी और गाजा के उत्तरी हिस्से को खाली करने का आदेश, नागरिकों का जबरन स्थानांतरण और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हो सकता है। 

जिनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि ऐसा लगता है कि इज़राइल ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है कि गाजा को अस्थायी रूप से छोड़ने वाले नागरिकों को उचित आवास, साथ ही स्वच्छता, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पोषण की संतोषजनक स्थिति प्रदान की जाए। 

उन्होंने कहा, "हमें चिंता है कि गाजा की पूरी घेराबंदी के साथ इस आदेश को वैध अस्थायी निकासी नहीं माना जा सकता है और इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए नागरिकों का जबरन स्थानांतरण होगा।"

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नागरिक आबादी का जबरन स्थानांतरण अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के अनुसार  मानवता के खिलाफ दंडनीय अपराध है।

बता दें कि हमास के घातक हमले के बाद इस आतंकवादी संगठन के सरगना के खात्मे के लिए इजराइल द्वारा जमीनी आक्रमण किए जाने की आशंका के मद्देनजर गाजा पट्टी में 10 लाख से अधिक लोग अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं। सहायता समूहों ने चेतावनी दी है कि इजराइल के जमीनी हमले से मानवीय संकट बढ़ सकता है।

एक सप्ताह से लगातार किए जा रहे हवाई हमलों से गाजा पट्टी में कई इमारतें जमींदोज हो गयी हैं लेकिन इससे इजराइल पर आतंकवादियों के रॉकेट हमले नहीं रुके हैं। सात अक्टूबर को शुरू हुआ यह युद्ध दोनों पक्षों के लिए गाजा के पांच युद्धों में से सबसे भीषण है जिसमें दोनों ओर के 4,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 2,750 फलस्तीनियों की मौत हो गयी है तथा 9,700 घायल हैं। 

इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि  गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों का "नरसंहार" "तुरंत" बंद होना चाहिए। सरकारी टीवी ने खामेनेई के हवाले से कहा, "अगर फिलिस्तीनियों के खिलाफ ज़ायोनी शासन के अपराध जारी रहे तो कोई भी मुसलमानों और प्रतिरोध बलों का सामना नहीं कर सकता। गाजा पर बमबारी तुरंत बंद होनी चाहिए।" 

खामेनेई ने कहा, "हमें जवाब देना चाहिए, गाजा में जो हो रहा है उस पर हमें प्रतिक्रिया देनी चाहिए।"  अयातुल्ला अली खामेनेई के बयान के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ने के आसार हैं। आशंका है कि ये जंग पूरे अरब में फैल सकती है। 

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