Israel-Hamas war: गाजा में जंग का सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ा, अब तक 16,000 महिलाएं और बच्चे मारे गए - संयुक्त राष्ट्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 20, 2024 05:50 PM2024-01-20T17:50:22+5:302024-01-20T17:51:41+5:30
महिलाओं के लिए कार्य करने वाली एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ (यूएन वीमेन) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि प्रत्येक घंटे में दो माताएं दम तोड़ रही हैं।
Israel-Hamas war: लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने बताया कि इजराइल और गाजा के बीच जारी युद्ध में 16,000 महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। महिलाओं के लिए कार्य करने वाली एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ (यूएन वीमेन) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि प्रत्येक घंटे में दो माताएं दम तोड़ रही हैं।
यूएन वीमेन ने कहा कि 100 से अधिक दिन के संघर्ष के कारण कम से कम 3000 महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया है और कम से कम 10,000 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में एजेंसी ने लैंगिक असमानता और उन परेशानियों का जिक्र किया जो महिलाओं को संघर्ष वाले स्थानों को बच्चों के साथ छोड़ने के कारण उठानी पड़ती है। रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र की आबादी 23 लाख है जिसमें से लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हैं जिनमें ‘करीब दस लाख महिलाएं और लड़कियां हैं’ जिन्हें आश्रय और सुरक्षा की तलाश है।
यूएन वीमेन की कार्यकारी निदेशक सिमा बाहौस ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मानवीय युद्धविराम और सात अक्टूबर को इजराइल पर गाजा के हमले के बाद बंदी बनाए गए सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार संघर्ष में लगभग 25,000 फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
बता दें कि गाजा में जारी युद्ध के 1000 दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अभी इसके समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। दुनिया भर से युद्ध समाप्त करने की अपील की जा रही है लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ शब्दों में कहा है कि इजरायल हमास के खिलाफ जीत मिलने तक युद्ध जारी रखेगा नेतन्याहू ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) को भी नकारते हुए कहा कि हमें कोई नहीं रोकेगा, न हेग, न कोई और।
इस युद्ध के दौरान गाजा में 23,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके है। इजरायल का तर्क है कि युद्ध समाप्त करने का मतलब हमास की जीत होगा। हमास और अन्य आतंकवादियों ने इजरायल में सात अक्टूबर को हमला कर करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे। इसके अलावा 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इनमें से कुछ को रिहा कर दिया गया है, कुछ लोगों की मौत की पुष्टि कर दी गई है और माना जा रहा है कि आधे से अधिक लोग अब भी कैद में हैं। हमास के इसी हमले के बाद इजरायल ने युद्ध की घोषणा की थी जो अब तक जारी है।
(इनपुट- भाषा)