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यूरोप-अमेरिका में घुसने के लिए इस्लामिक स्टेट के आतंकी तुर्की में बने जाली पासपोर्ट का कर रहे हैं इस्तेमाल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 31, 2022 21:23 IST

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक उज़्बेक कनेक्शन से चलने वाला यह फर्जी पासपोर्ट का बिजनेस इतनी तेजी से फैल रहा है कि उन्होंने टेलीग्राम ऐप पर "इस्तांबुल ग्लोबल कंसल्टिंग" के नाम से एक नया चैनल खोल लिया है।

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ठळक मुद्देतुर्की के जरिये फर्जी पासपोर्ट के आधार पर कई आतंकियों ने इस्तांबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरीअखबार के मुताबिक पासपोर्ट उन्हीं देशों में छपते हैं, जहां से इन्हें जारी किया जाता हैचूंकि पासपोर्ट पर आधिकारिक प्रवेश स्टैंप लगा होता है, इसलिए वह कानूनी तौर पर वैध माने जाते हैं

लंदन:अमेरिका और यूरोप के कई देशों में जाली पासपोर्ट के जरिये प्रवेश करने के वाले इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक के कई संदिग्ध आतंकियों को तुर्की के जरिये यह सुविधा उपलब्ध हुई है।

अंग्रेजी अखबार 'द गार्जियन' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की में आतंकियों की सुविधा के लिए इस नेटवर्क को उज़्बेक आतंकियों द्वारा चलाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस तरह के पासपोर्ट बनने में करीब 15 हजार डालर का खर्च आता है और इसे अब तक कई देशों में इस्तेमाल में लाया जा चुका है।

ब्रिटिश अखबार का कहना है कि उसे कम से कम 10 ऐसे मामलों की जानकारी है, जिसमें लोगों ने अवैध रूप से तुर्की में बने पासपोर्ट के जरिये अवैध रूप से सीरियाई सीमा पार की और इसके लिए उन्होंने इस्तांबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरी।

इस मामले में अवैध पासपोर्ट को बेचने वालों ने अखबार को बताया कि सीरिया से अवैध तरीके से भागने वाले आतंकियों की सबसे पसंदीदा जगहों में यूरोप के कई देश शामिल हैं। लेकिन वहीं कम से कम दो आतंकी फर्जी  रूसी पासपोर्ट पर इस्तांबुल से मैक्सिको गये और फिर वहां से उन्होंने अवैध तरीके से अमेरिकी सीमा में प्रवेश किया।

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक उज़्बेक कनेक्शन से चलने वाला यह फर्जी पासपोर्ट का बिजनेस इतनी तेजी से चल रहा है कि उन्होंने टेलीग्राम ऐप पर "इस्तांबुल ग्लोबल कंसल्टिंग" के नाम से एक नया चैनल खोल लिया है। इस तरह के फर्जी पासपोर्ट के बढ़ते बिजनेस से पता चलता है कि खतरनाक आतंकी किसी तरह से पूरी दुनिया के सुरक्षा तंत्र को धता बताते हुए सीरिया और अन्य देशों में अपनी आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं। 

'द गार्जियन' से बात करते हुए एक उज्बेक ने बताया कि वह किसी से नहीं पूछता कि उसका किस ग्रुप से संबंध है। हम हर किसी के लिए काम करते हैं। अब कौन बुरा है और कौन नहीं, यह देखना मेरा काम नहीं है। इसे तो सुरक्षा एजेंसियों को देखना चाहिए।

उसने कहा कि किसी को पूरी तरह से गायब करने के लिए महज 500 अमेरिकी डॉलर खर्च करने होते हैं तुर्की में और उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बन सकता है। जिसे वह अपने देश के दूतावास को भेजा जा सकता है। अब आप अबू बक्र बगदादी (साल 2019 में मारा गया आईएस प्रमुख) तो हैं नहीं कि जिसे देखने के लिए कोई मुर्दाघर में जाएगगा कि क्या सचमुच में आप मर गए हैं। चुर्की में बस उस दस्तावेज़ को मान लिया जाता है और उसे फिर उसे सिस्टम में दर्ज कर दिया जाता है।

आमतौर पर जब यूरोपीय संघ का कोई नागरिक अपने पासपोर्ट पर तुर्की की यात्रा पर आता है तो उज़्बेक नेटवर्क के लोग उसका पासपोर्ट लगभग 2,500 यूरो में खरीद लेते हैं और फिर उसी पासपोर्ट पर दूसरे की फोटो लगाकर पासपोर्ट को बदल दिया जाता है। वहीं जिस यूरोपियन का वह असली पासपोर्ट होता है, वह इस्तांबुल में अपने वाणिज्य दूतावास में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराकर उसे दोबारा प्राप्त कर लेता है।  

अखबार के मुतबिक पासपोर्ट उन्हीं देशों में छपते हैं, जहां से इन्हें जारी किया जाता है। उसके बाद उसे उस देश भेजा जाता है, जहां उसे फर्जी तरीके से पाने वाले ग्राहक प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। उस देश में चूंकि आधिकारिक प्रवेश का स्टैंप लगा होता है, इसलिए वो पासपोर्ट कानूनी तरीके से वैध माने जाते हैं।

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