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इराक: शिया धर्मगुरु के राजनीति से हटने की घोषणा के बाद हिंसक झड़प, 15 व्यक्तियों की मौत, पूरे शहर में कर्फ्यू

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 30, 2022 09:51 IST

अधिकारियों के अनुसार, मशीन गन की आवाजें पूरे मध्य बगदाद में गूंजती रही। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि झड़प में मोर्टार और रॉकेट चालित ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। 

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ठळक मुद्देरात के समय अल-सदर के समर्थक और पुलिस में झड़प शुरू हो गई।इस दौरान गोलीबारी में एक महिला घायल हो गई, जबकि 15 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।

बगदादः इराक के प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति से हटने की घोषणा की, जिसके बाद उनके सैकड़ों समर्थक सरकारी महल पहुंच गए। इस दौरान अल-सद्र के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें कम से कम 15 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।

इराक की सेना ने बढ़ते तनाव को शांत करने के उद्देश्य से सोमवार को शहर भर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी। इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने कैबिनेट का सत्र निलंबित कर दिया। चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि शिया धर्मगुरु की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा रोधी पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी, आंसू गैस के गोले छोड़ने से दर्जनों लोग घायल हो गए।

अधिकारियों के अनुसार, रात के समय अल-सदर के समर्थक और पुलिस में झड़प शुरू हो गई और इस दौरान गोलीबारी में एक महिला घायल हो गई। मशीन गन की आवाजें पूरे मध्य बगदाद में गूंजती रही। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि झड़प में मोर्टार और रॉकेट चालित ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। 

यह पहली बार नहीं है जब अल-सदर ने राजनीति से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की है। इससे पहले भी वह इस तरह की घोषणा कर चुके हैं। कई लोगों ने अल-सदर के कदम को मौजूदा गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया। हालांकि कुछ लोगों को आशंका है कि इस बार उनके इस कदम से देश के हालात और खराब हो सकते हैं, जो पहले से ही खराब है।

सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन पैलेस के बाहर लगे सीमेंट बैरियर को रस्सियों से गिरा दिया और महल के गेट में तोड़फोड़ की। उनमें से कई महल के सभागार में पहुंचे। एक एसोसिएटेड प्रेस फोटोग्राफर ने गोलियों की आवाज सुनी और कई प्रदर्शनकारियों को खून से लथपथ उन्हें ले जाते देखा।

एक ट्वीट में मौलवी अल-सदर ने राजनीति से हटने की घोषणा की और अपने पार्टी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया। धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थान खुले रहेंगे। इराक के कार्यवाहक प्रधान मंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने मांग की कि अल-सदर अपने समर्थकों से सरकारी संस्थानों से हटने का आह्वान करे।

भाषा इनपुट के साथ

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