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ईरान: चाइल्ड प्रोटेक्शन के नए कानून पर विवाद, शरिया अदालत की मंजूरी लेकर 13 वर्षीय दत्तक पुत्री से शादी कर सकेगा पिता

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: August 13, 2019 18:23 IST

समाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर कोई पिता अपनी ही गोद ली हुई बच्ची के साथ शादी करेगा तो इससे बाल यौन शोषण को बढ़ावा मिलेगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह विधेयक बाल यौन यौन शोषण को कानूनी मान्यता देने जैसा है। 

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ठळक मुद्देईरान में पिता को उसकी 13 साल की दत्तक पुत्री से शादी करने की इजाजत देने वाला बिल पासविवादास्पद विधेयक को लेकर बहस शुरू, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा- इससे बाल यौन शोषण को बढ़ावा मिलेगा

ईरान की संसद ने एक अजीबो-गरीब विधेयक पास किया है, जिसे लेकर विवाद गहरा गया है और दुनियाभर में बहस छिड़ गई है। यह बिल गोद ली गई बच्चियों से शादी करने की इजाजत देता है। बिल के मुताबिक, ईरान में पिता अपनी 13 वर्ष आयु की दत्तक पुत्री से शादी कर सकता है। हालांकि, इस विधेयक के कानून में बनने में अभी देरी है क्योंकि ईरान की शरिया अदालत ने अभी इस पर मुहर नहीं लगाई है।

ईरान में शरिया अदालत मौलवियों और न्यायविदों का एक ऐसा निकाय है जो संविधान और इस्लामी कानून बनने से पहले सभी संसदीय बिलों की समीक्षा करता है।

इस विवादास्पद बिल को पास करने के पीछे वजह बताई जा रही है कि इससे बाल अधिकारों का संरक्षण हो सकेगा लेकिन सामजिक कार्यकर्ताओं की ओर से इसके उलट प्रतिक्रिया आ रही है।

समाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर कोई पिता अपनी ही गोद ली हुई बच्ची के साथ शादी करेगा तो इससे बाल यौन शोषण को बढ़ावा मिलेगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह विधेयक बाल यौन यौन शोषण को कानूनी मान्यता देने जैसा है। 

इस इस्लामिक देश में 13 वर्ष की आयु की बच्चियां अपने पिता से आज्ञा लेकर शादी कर सकती हैं। वहीं, लड़कों के मामले में शादी करने की उम्र कम से कम 15 वर्ष रखी गई है। ईरान में 13 वर्ष से कम आयु की लड़कियां भी शादी कर सकती हैं लेकिन उसके लिए उन्हें जज की आज्ञा लेनी पड़ती है। फिलहाल, किसी भी परिस्थिति में दत्तक बच्चों से शादी करना यहां मान्य नहीं है। 

ईरान की एक समाचार वेबसाइट Tabnak मुताबिक, 2010 में यहां 10 से 14 वर्ष आयु के 42 हजार बच्चों ने शादियां कराई गई थीं। अकेले तेहरान में ही कम से कम 75 बच्चे ऐसे थे जिनकी शादियां 10 वर्ष से कम उम्र में करा दी गई थीं। 

जस्टिस फॉर ईरान के लिए मानवाधिकार वकील शादी सद्र ने मीडिया को बताया कि वह इस बात से डरी हुई हैं कि काउंसिल इस बिल को मंजूरी दे देगी और राष्ट्रपति हसन रूहानी संयुक्त राष्ट्र की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान प्रेस का ध्यान आकर्षित करते हैं।  

शादी सद्र ने कहा, ''गोद ली गई बच्चियों से शादी करना ईरानी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। बेशक, दुनिया में अन्य देशों की तरह ईरान में भी पारिवारिक व्यभिचार मौजूद है लेकिन यह बिल बाल यौन शोषण को कानूनी मान्यता देगा, यह हमारे बच्चों को खतरे में डाल रहा है और हमारी संस्कृति में इस अपराध को सामान्य बना रहा है।''

उन्होंने कहा, ''आपको अपने गोद लिए हुए बच्चों से शादी नहीं करना चाहिए। इसे रोकिए। अगर एक पिता अपनी गोद ली हुई बच्ची से शादी करता है और जो नाबालिग भी है, उससे शारीरिक संबंध बनाता है तो वह बलात्कार कहलाएगा।  

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