दुनिया के औषाधलय के तौर पर भारत की भूमिका असाधारण: ब्रिटेन के मंत्री
By भाषा | Updated: March 13, 2021 20:46 IST2021-03-13T20:46:55+5:302021-03-13T20:46:55+5:30

दुनिया के औषाधलय के तौर पर भारत की भूमिका असाधारण: ब्रिटेन के मंत्री
(अदिति खन्ना)
लंदन, 13 मार्च ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा है कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान दुनिया के औषधालय के तौर पर जो भूमिका निभायी है वह असाधारण है। ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड अहमद ने यह बात ऐसे समय कही है जब वह सोमवार से भारत की पांच दिवसीय यात्रा शुरू करने वाले हैं।
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में दक्षिण एशिया मामलों के मंत्री लॉर्ड अहमद ने कोविड-19 टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डाला, जो संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में कोवैक्स सुविधा के तहत दुनिया भर के देशों को लाभ पहुंचा रहा है।
लॉर्ड अहमद ने शुक्रवार को अपनी यात्रा से पहले एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘‘भारत ने दुनिया के औषधालय के रूप में जो भूमिका निभाई है वह अभूतपूर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारा संबंध केवल द्विपक्षीय महत्व का नहीं है, यह इस बारे में भी है कि ये दोनों देश एकसाथ कैसे काम कर रहे हैं और वर्तमान कोविड-19 महामारी से बेहतर इसका कोई कोई चित्रण नहीं हो सकता है जिससे हम वर्तमान समय में जूझ रहे हैं। हमने ब्रिटेन और भारत के बीच दुनिया भर में प्रतिक्रिया जताने में एक मजबूत सहयोग देखा है जिसमें कोवैक्स सुविधा के तहत सहयोग भी शामिल है जिसके अंतर्गत दुनिया के जोखिम वाले देशों की मदद की जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही हम भारत के साथ सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में उसके कार्यकाल में आगे सहयोग के लिए तत्पर हैं। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी - ब्रिटेन और भारत के बीच संबंध इन सभी क्षेत्रों में काफी महत्वपूर्ण हैं।’’
लॉर्ड अहमद की यात्रा दिल्ली में मंत्रिस्तरीय बैठकों के साथ शुरू होगी और इसमें चंडीगढ़, चेन्नई और हैदराबाद को शामिल होगा। इससे बाद वह ब्रिटेन रवाना होने से पहले मुंबई में व्यापार और निवेश वार्ता करेंगे।
मंत्री ने कहा कि उनकी यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा से पहले हो रही है।
लॉर्ड अहमद की यात्रा हालांकि ऐसे समय हो रही है जब इस सप्ताह के शुरू में भारत के कृषि सुधारों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर ब्रिटेन की संसदीय समिति ने एक कमरे में चर्चा की थी लेकिन मंत्री ने इस मुद्दे के उनकी यात्रा पर किसी तरह का प्रभाव होने की संभावना से इनकार किया क्योंकि मामले पर ब्रिटेन की सरकार का लंबे समय से रुख बहुत स्पष्ट रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख इस तरह से प्रदर्शनों जैसे मसलों पर हमेशा से स्पष्ट रहा है कि ये आंतरिक मामले हैं।’’
किसान 28 नवंबर से दिल्ली के सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र तीन कृषित कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करे और उनकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी दे।
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