Anti-Submarine Sonobuoys: $5.28 करोड़ अमेरिकी डॉलर की पनडुब्बी ढाल?, ‘सोनोबॉय’ बेचेगा अमेरिका, कैसे नई तकनीक बढ़ती चीनी घुसपैठ के खिलाफ?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 12, 2024 13:22 IST2024-09-12T13:21:07+5:302024-09-12T13:22:08+5:30
Anti-Submarine Sonobuoys: शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम के अनुसार, अमेरिकी संसद के पास बिक्री की समीक्षा करने के लिए 30 दिन हैं।

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Anti-Submarine Sonobuoys: अमेरिका ने भारत को 5.28 करोड़ अमेरिकी डॉलर कीमत में ‘हाई-एल्टिट्यूड एंटी-सबमरीन वारफेयर’ (एचएएएसडब्ल्यू) उपकरण बेचने का फैसला किया है, जिससे पनडुब्बी रोधी अभियानों में भारत की क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। ‘सोनोबॉय’ नामक इस उपकरण को विमान से हवा में छोड़ा जा सकता है। इसमें इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सेंसर लगे होते हैं। इन सेंसर का इस्तेमाल करके पानी के नीचे होने वाली आवाजों को कहीं दूर लगे प्रोसेसर तक पहुंचाया जाता है। ये प्रभावी और किफायती पनडुब्बी रोधी उपकरण (एएसडब्ल्यू) हैं, जिनका उपयोग लड़ाकू विमानों से किया जा सकता है। शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम के अनुसार, अमेरिकी संसद के पास बिक्री की समीक्षा करने के लिए 30 दिन हैं।
संसद की अधिसूचना के अनुसार, भारत ने एएन/एसएसक्यू-53ओ हाई एल्टीट्यूड एंटी-सबमरीन वारफेयर (एचएएएसडब्ल्यू) सोनोबॉय; एएन/एसएसक्यू-62एफ एचएएएसडब्ल्यू सोनोबॉय; और एएन/एसएसक्यू-36 सोनोबॉय खरीदने का अनुरोध किया था। इनकी कुल अनुमानित कीमत 5.28 करोड़ अमेरिकी डॉलर है।
अधिसूचना में कहा गया है कि इस प्रस्तावित बिक्री से अमेरिका-भारत सामरिक संबंधों को मजबूती मिलेगी और एक प्रमुख रक्षा साझेदार (भारत) की सुरक्षा में सुधार होगा, जो हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति व आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बना हुआ है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने 23 अगस्त को भारत को एंटी-सबमरीन वारफेयर सोनोबॉय और संबंधित उपकरण बेचने को मंजूरी दी थी, जिनकी अनुमानित कीमत 5.28 करोड़ अमेरिकी डॉलर है।