भारतीय महिला 20 साल लापता होने के बाद मिली पाकिस्तान में, प्लेसमेंट एजेंट ने ठगी से दुबई की जगह पहुंचा दिया कराची, जानिए पूरा मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 9, 2022 02:29 PM2022-08-09T14:29:08+5:302022-08-09T14:38:12+5:30
भारत की एक महिला को करीब 20 साल पहले मुंबई स्थित एक प्लेसमेंट एजेंसी ने दुबई में नौकरी दिलाने का वादा किया और उसके बाद वो महिला रहस्यमय तरीके से गायब हो गई।
कराची:भारत से करीब 20 साल पहले लापता हुई एक भारतीय महिला पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मिली है। खबरों के मुताबिक महिला को मुंबई स्थित एक एजेंसी ने दुबई में नौकरी दिलाने का वादा किया था और वो भी 20 साल पहले, उसके बाद से वो महिला रहस्यमय तरीके से गायब हो गई और अब 20 साल बाद उसका पता-ठिकाना पाकिस्तान में होने की बात सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक महिला का एक वीडियो कथिततौर पर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें वो भारत सरकार से अपील कर रही है कि उसे भारत वापस लाया जाए और उसके परिवार से मिलाने में मदद की जाए।
महिला के संबंध में कराची में एक मस्जिद के इमाम वलीउल्लाह मरूफ ने बताया कि वो महिला की आपबीती सुनकर इतने भावुक हो गये कि उन्होंने फौरन इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया और वहां मौजूद भारतीय अधिकारियों ने अपील की कि वो हमीदी बेगम नाम की गुमशुदा महिला को वापस भारत भेजने का प्रबंध करें।
इमान मारूफ का कहना है, "महिला अपने सौतेले बेटे के साथ कराची में रहती है लेकिन वो भारत जाने के लिए और अपने परिवारवालों से मिलने के लिए बेहद बेचैन है। अगर भारत सरकार इस मामले में सकारात्मक कदम उठाती है तो महिला की बहुत बड़ी मदद हो जाएगी।"
इस संबंध में हमीदी का कहना है कि उसने बीते 20 साल से अपने बच्चों और परिवार को नहीं देखा और वो भारत जाकर उनसे मिलना चाहती है। उसने कहा, "मैं अपनी बेटी और पोती से वीडियो कॉल पर बात कर सकती हूं लेकिन मैं अब उसने आमने-सामने मिलना चाहती हूं।"
महिला भारत से अगवा होने के मामले में जो कहानी बता रही है, उसके मुताबित साल 2002 में उसे कतर में रसोइये के तौर पर नौकरी दिलाने का झांसा मुंबई की एक प्लेसमेंट एजेंसी ने दी। एजेंसी ने उससे कहा कि दुबई में उसे अच्छी तनख्वाह पर नौकरी मिलेगी लेकिन प्लेसमेंट एजेंट उसे धोखा देकर कराची ले गया।
साल 2002 में में जब वो कराची पहुंची तो कुछ दिनों के बाद उसे सिंध प्रांत के हैदराबाद ले जाया गया, जहां जबरिया उसे तीन महीने बंधक बनाकर रखा गया। वहां से रिहा होने के बाद उसे एक पाकिस्तानी शख्स से निकाह करना पड़ा, जिसका पहले से एक बेटा था।
मारूफ ने बताया कि तीन साल पहले उसके पाकिस्तानी शौहर का इंतकाल हो गया। उसके बाद महिला कराची में मस्जिद के इमाम वलीउल्लाह मरूफ के संपर्क में आयी। उन्होंने महिला की सारी दास्तां सुनी।
मारूफ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हमीदी का एक वीडियो शेयर किया, जिसके बाद वो भारत के उसके परिवार से संपर्क स्थापित कर सके और उसके बाद मारूफ उसे भारत भेजने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। दरअसल मारूफ मानव तस्करी के जरिये भारत, बांग्लादेश समेत तमाम अन्य देशों से आने वाली महिलाओं की मदद करते हैं और उन्हें उनके परिवारों को तलाशने में मदद करते हैं।
मारूफ का कहना है कि हमीदी जैसी कई और भी महिलाएं हैं, जो अनपढ़ और आर्थिक रूप से गरीब हैं और तस्करों के जाल में फंस जाती हैं। कई ऐसी महिलाएं हैं, जो अपने परिवार से मिलने की चाहत में आज भी पाकिस्तान में जिल्लत की जिंदगी गुजार रही हैं।
मारूफ ने कहा, "वे बस अपने भाग्य को स्वीकार करती हैं और अपने जीवन को कोसती रहती हैं लेकिन हमीदी जैसी भी कुछ महिलाएं हैं, जो अपने बिछुड़े हुए परिवार से मिलना चाहती हैं। 20 साल हो गये उन्हें अगवा हुए लेकिन आज भी उन्हें मुंबई स्थिक मकान का पता और बच्चों का नाम भी है। उन्हें पाकिस्तान से उनके मुल्क भारत भेजा जाना चाहिए।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)