चीन के सरकारी मीडिया ने किया दावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को में चीन के रक्षा मंत्री से करेंगे मुलाकात, मोदी सरकार ने किया इनकार
By अनुराग आनंद | Published: June 23, 2020 08:25 PM2020-06-23T20:25:31+5:302020-06-23T20:41:52+5:30
भारत के रक्षा मंत्री इन दिनों रूस के दौरा पर मास्को में हैं। वहां राजनाथ सिंह विजय दिवस परेड में शामिल होंगे।
नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच इन दिनों देश के रक्षा मंत्री रूस के दौरा पर गए हैं। वहां, रूस की तरफ से आयोजित विक्टरी परेड में राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही थी कि राजनाथ सिंह मास्को में चीन के रक्षा मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। यह खबर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कही है।
एनडीटीवी के मुताबिक, चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि दोनों देशों के रक्षा मंत्री मास्को में मुलाकात करेंगे। लेकिन, इसके बाद ही भारत सरकार ने इसे खारिज कर दिया है। भारत सरकार ने कहा कि चीनी प्रोपेगेंडा वेबसाइट अपने मन से यह खबर प्रकाशित कर रहा है। राजनाथ सिंह चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं करेंगे।
Defence Minister Rajnath Singh will not be meeting his Chinese counterpart in Moscow as suggested by some Chinese propaganda websites. pic.twitter.com/iHwRcq3yZ5
— ANI (@ANI) June 23, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत दूतावास का दौरा कर रूस के रक्षा मंत्री से मुलाकात की-
राजनाथ सिंह की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान रूस में भारक के दूतावास का दौरा किया। मास्को में महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया है। इसके अलावा, रूस के रक्षा मंत्री समेत अन्य नेताओं के साथ बैठक हुई है।
भारत और चीन के बीच एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर जारी तनाव के बीच रूस की राजधानी मॉस्को में दोनों देशों के रक्षा मंत्री एक साथ हैं। बैठक के दौरान रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस के उप रक्षा मंत्री जनरल अलेक्जेंडर वासिलीविच फॉमिन के बीच भी मुलाकात हुई।
भारतीय सेना रूस के विक्टरी डे परेड में हिस्सा लेने गई है
रूस की विक्टरी डे परेड में रूस की सेना सहित कई देशों की सैन्य टुकड़ियां हिस्सा लेने के लिए गई हैं। भारत का भी एक 75 सदस्य सैन्य-दल इस विक्टरी-डे परेड में हिस्सा लेने मास्को गया है। भारत की इस टुकड़ी में तीनों सशस्त्र सेनाओं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना की भागीदारी है।
राजनाथ सिंह की रूस यात्रा ऐसे समय में है, जब भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय से अपने 33 फाइटर जेट्स के प्रोपोजल को गति देने के लिए कहा है। दरअसल, बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद वायुसेना ने रूस से 21 मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदने का प्लान बनाया था। साथ ही रूस से लिए 12 सुखोई फाइटर जेट्स जो बीते सालों में दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, उन्हें भी बदलने का प्रस्ताव दिया है।
रक्षा मंत्री की ये यात्रा इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि चीन और रूस भी काफी करीबी माने जाते थे। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (सोमवार) को मास्को के लिए रवाना हुए। 23 तारीख को जब रक्षा मंत्री रूस में हैं, आज ही चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक मीटिंग हुई है।
द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की खुशी में आयोजित होता है विक्टरी परेड-
बता दें कि रूस में यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित हुई है। रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत और चीन के बीच बढ़ते सीमा गतिरोध के मध्य में हो रहा है खासकर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों द्वारा 20 भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने के बाद।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 24 जून को आयोजित विजय दिवस परेड में शमिल होने के लिए मॉस्को की यात्रा कर रहे हैं।