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भारत ने नीरव मोदी की अपील खारिज करने के ब्रिटेन की अदालत के फैसले का किया स्वागत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 10, 2022 20:34 IST

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘ हम नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज करने के ब्रिटेन के उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं।’

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ठळक मुद्देविदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज करने के ब्रिटेन के हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागतमंत्रालय ने कहा- हम नीरव मोदी के साथ-साथ अन्य आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के अपने प्रयासों को जारी रखेंगे

नयी दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन की एक अदालत द्वारा बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण किये जाने के खिलाफ अपील को खारिज करने का बृहस्पतिवार को स्वागत करते हुए कहा कि वह मोदी के साथ-साथ अन्य आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘ हम नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज करने के ब्रिटेन के उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम नीरव मोदी के साथ-साथ अन्य आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के अपने प्रयासों को जारी रखेंगे ताकि उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जा सके।’’ 

प्रवक्ता ने कहा कि भारत आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिये पुरजोर तरीके से प्रयास कर रहा है ताकि वे देश में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर सकें। गौरतलब है कि लंदन के उच्च न्यायालय ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मानसिक सेहत के आधार पर प्रर्त्यपण के खिलाफ अपील बुधवार को खारिज कर दी थी। 

उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि नीरव के आत्महत्या करने का जोखिम ऐसा नहीं है कि अगर उसे धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो यह अनुचित और दमनकारी होगा। ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने पिछले साल अप्रैल में न्यायालय की एक व्यवस्था के आधार पर नीरव के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था और तब से मामले में अपीलों की प्रक्रिया चल रही थी। 

अपील हार जाने के बाद नीरव सार्वजनिक महत्व के कानून के बिंदु पर उच्चतम न्यायालय जा सकता है। वह उच्च न्यायालय के फैसले के 14 दिन के भीतर उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में आवेदन कर सकता है। हालांकि उच्चतम न्यायालय में अपील तभी की जा सकती है जब उच्च न्यायालय ने प्रमाणित किया हो कि मामला आम जनता के महत्व से जुड़े कानून के बिंदु वाला है।

(इनपुट भाषा)

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