ढाका, 17 दिसंबर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत और बांग्लादेश के बीच दशकों पुरानी नातेदारी, साझा भाषा और संस्कृति पर आधारित ‘‘विशिष्ट रूप से करीबी’’ संबंध का जिक्र करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि बांग्लादेश को मजबूत अर्थव्यवस्था और अधिक समृद्ध बनाने के लिए भारत उसकी मदद करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति कोविंद ने बांग्लादेश की अपनी पहली यात्रा के समापन से पहले भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
वह 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के स्वर्णिम समारोहों में भाग लेने के बांग्लादेश के अपने समकक्ष एम. अब्दुल हमीद के आमंत्रण पर देश की तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीयों के दिलों में बांग्लादेश का एक विशेष स्थान है। हमारे दशकों पुरानी नातेदारी, साझा भाषा तथा संस्कृति पर आधारित विशिष्ट रूप से करीबी संबंध हैं।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के कुशल नेतृत्व ने इस संबंध को सींचा है।
बांग्लादेश के लिए अपने समर्थन को दोहराते हुए कोविंद ने कहा कि भारत ऐसे बांग्लादेश के समर्थन में खड़ा रहेगा, जो इस देश के मुक्ति आंदोलन से निकले मूल्यों को आत्मसात करता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक मॉडल बन रहा है, इस देश ने दुनिया को यह साबित किया है कि बांग्लादेश के लोगों की लड़ाई एक उचित वजह के लिए थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम के बाद से बड़े सामाजिक-आर्थिक बदलाव आए हैं, खासतौर से प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने उल्लेखनीय वृद्धि भी देखी है। हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच आर्थिक और सामाजिक जुड़ाव ने भी वृद्धि और विकास की इस साझा कहानी में योगदान दिया है। मुझे खुशी है कि दोनों देशों के नेतृत्व को यह पता है कि हमारे विकास के रास्ते आपस में जुड़े हुए हैं और संसाधनों तथा अनुभवों को साझा करना सतत विकास का मंत्र है।’’
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि दोनों सरकारों ने यह भी सुनिश्चित किया कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की बुनियाद मजबूत है और उन्होंने वृद्धि को समावेशी, सतत और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए मजबूत प्रतिबद्धताएं भी की है।
उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा और स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने की असीम संभावना है। उन्होंने दोनों देशों के औद्योगिक समुदाय को व्यापार तथा आर्थिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के अवसर का लाभ उठाने का भी अनुरोध किया।
युवाओं की क्षमताओं का इस्तेमाल करने पर जोर देते हुए कोविंद ने कहा कि दोनों देशों के बीच क्षमता निर्माण की पहलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिससे इस वैश्वीकृत दुनिया में कामयाब होने के लिए आवश्यक कौशलों का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने बांग्लादेश में विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके योगदान की सराहना भी की। उन्होंने कहा, ‘‘आपने बांग्लादेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दिया है, आपने दीर्घकालीन, करीबी द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत किया है। आप हमारे क्षेत्र में समृद्धि लाकर भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं।’’
दुनियाभर में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और कुशल क्षेम को भारत सरकार के लिए प्राथमिकता बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में दुनिया के हर कोने में सरकार ने कोविड-19 महामारी के बुरे दौर के दौरान भारतीय नागरिकों की घर वापसी के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
उन्होंने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग ‘वंदे भारत मिशन’ के अग्रिम मोर्चे पर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हम जहां ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे है तो मैं यहां अपने नागरिकों से आगे आने और देश निर्माण में अपने तरीके से योगदान देने का अनुरोध करता हूं।’’
राष्ट्रपति कोविंद ने जुल्म से आजादी पाने के लिए बांग्लादेश के लोगों द्वारा दिए गए कठोर बलिदानों को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम विकट बाधाओं के खिलाफ लड़ने में आपके अदम्य साहस को सलाम करते हैं। मुझे विश्वास है कि 1971 में बहे खून और बलिदान से बना रिश्ता भविष्य में भी हमारे देशों को बांधकर रखेगा।
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