विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली कुल मौतों में 10 प्रतिशत भारत में : विश्व बैंक
By भाषा | Updated: February 13, 2021 20:39 IST2021-02-13T20:39:09+5:302021-02-13T20:39:09+5:30

विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली कुल मौतों में 10 प्रतिशत भारत में : विश्व बैंक
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 13 फरवरी विश्व में वाहनों का सिर्फ एक प्रतिशत ही भारत में है, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत मौतें इस देश में होती है। सड़क सुरक्षा पर शनिवार को विश्व बैंक की एक नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक के उपाध्यक्ष हार्टविंग साफर ने कहा कि भारत सरकार ने हाल के वर्षों में सड़क सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के हल के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
साफर ने शनिवार को नयी दिल्ली में सड़क सुरक्षा पर रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत में विश्व के वाहनों का एक प्रतिशत है, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत लोगों की मौत होती है। भारत में हमें इस चीज पर ध्यान देने की जरूरत है। ’’
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कोविड-19 महामारी के चलते पिछले साल इस पर से ध्यान हट गया, लेकिन अभी सड़क सुरक्षा और महामारी के बीच एक रोचक संबंध है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आ रही हैं और अस्पतालों में किसी भी वक्त 10 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल सड़क दुर्घटना के घायलों के लिए ही किया जाता है।’’
साफर ने कहा सड़क दुर्घटनाओं के शिकार दरअसल गरीब और आबादी का सबसे कमजोर तबका होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘सड़क दुर्घटना का वित्तीय प्रभाव संपन्न लोगों की तुलना में गरीब परिवार पर बहुत ज्यादा पड़ता है। महिलाओं पर इसका बहुत प्रभाव पड़ता है, जिनपर देखभाल करने की जिम्मेदारी होती है। अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर इसका कहीं अधिक प्रभाव पड़ता है। ’’
हालांकि, साफर के मुताबिक अच्छी चीज यह है कि भारत सड़क सुरक्षा के मामले में कुछ प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत ने अपने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम में संशोधन किया।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत में 25 प्रतिशत की कमी हुई है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में विश्व बैंक सड़क सुरक्षा मानकों और संस्थागत पहलुओं में मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए सुरक्षित बुनियादी ढांचा बनाना एक मुख्य पहलू है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि पयाप्त मात्रा में ‘रोडसाइड बैरियर’ हों। सड़कें सुरक्षित हों। वाहन भी सुरक्षित हों। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि वाहनों की जांच की उपयुक्त प्रणाली नहीं होगी तो सड़क पर असुरक्षित वाहन होंगे। ’’
राजमार्गों के आसपास आपात स्वास्थ्य सेवा की सुविधा सड़क सुरक्षा की चुनौती से निपटने में एक बड़ा योगदान देती है।
साफर ने कहा, ‘‘जब हम राजमार्गों की योजना बनाते हैं तब हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि दुर्घटना के पीड़ित एक घंटे के अंदर चिकित्सा सुविधा पाएं। यह अक्सर ही जीवन और मृत्यु को तय करता है। ’’
उन्होंने कहा कि जिन देशों में विश्वसनीय प्रवर्तन हैं वहां सड़क दुर्घटनाओं की संख्या घट रही हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी व्यक्तिगत रूप से सड़क सुरक्षा के प्रति बहुत ही प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वैश्विक वाहन विनिर्माताओं को भारत में अपने वाहनों को सुरक्षा के उन्हीं मानकों से लैस करना चाहिए जो वे अमेरिका और यूरोप में प्रदान करते हैं।
गौरतलब है कि गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि भारतीय सड़कों पर दुर्घटनाओं में प्रतिदिन 415 लोगों की मौत होती है।
सड़क दुर्घटना रिपोर्ट, 2019 के मुताबिक भारत में 2019 में 449,002 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 151,113 लोगों की मौतें हुई और 451,361 लोग घायल हुए।
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