पाकिस्तान: पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी को 10 साल की सजा, गोपनीयता उल्लंघन से जुड़ा है मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 30, 2024 02:57 PM2024-01-30T14:57:58+5:302024-01-30T14:59:30+5:30
'सिफर' मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है, जिसके बारे में संघीय जांच एजेंसी के आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि इमरान ने इसे कभी वापस नहीं किया।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीयता उल्लंघन मामले में मंगलवार को 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई। रावलपिंडी की अदियाला जेल में मामले की सुनवाई के दौरान विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने यह फैसला सुनाया।
'सिफर' मामला एक राजनयिक दस्तावेज़ से संबंधित है, जिसके बारे में संघीय जांच एजेंसी के आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि इमरान ने इसे कभी वापस नहीं किया। पीटीआई लंबे समय से मानती रही है कि दस्तावेज़ में इमरान को प्रधान मंत्री पद से हटाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से धमकी दी गई थी। यह फैसला 8 फरवरी के आम चुनाव से नौ दिन पहले आया है, जिसे पीटीआई राज्य की सख्ती के बीच और बिना किसी चुनावी चिन्ह के लड़ रही है।
इमरान और क़ुरैशी दोनों चुनाव से पहले जेल में हैं। इमरान की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई है और कुरैशी को थार से एनए सीट के लिए लड़ने की मंजूरी दे दी गई। लेकिन आज की सजा का मतलब है कि इन दोनों को अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
इनरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुये कहा कि यह एक झूठा मामला है। मीडिया या जनता को इससे दूर रखा गया। उनकी पार्टी ने कहा "हमारी कानूनी टीम इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देगी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की लचर सुनवाई के तहत दो बार कार्यवाही को रद्द कर दिया था, मीडिया तथा जनता की पहुंच का आदेश दिया था। फिर भी कानूनी टीम को जाने नहीं दिया गया, उसे अलग रखा गया और जल्दबाजी में निर्णय लिया गया। ऐसे में उम्मीद है कि उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर सजा को निलंबित कर दिया जाएगा।"
इस मामले का संबंध गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे से हैं। खान ने 27 मार्च, 2022 को एक सार्वजनिक रैली में अमेरिका का नाम लेते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने की एक ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है।