इमरान खानः ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट, पूर्व-क्रिकेटर, एंटी-फेमिनिस्ट, कट्टरपंथी और अब पाकिस्तान का संभावित प्रधानमंत्री!
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 26, 2018 02:36 PM2018-07-26T14:36:35+5:302018-07-26T14:38:21+5:30
पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान की पार्टी (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) सरकार बनाने के करीब है। जानें पाकिस्तान के संभावित प्रधानमंत्री इमरान खान की जिंदगी में बदलाव के किस्से...
इमरान खान ने पाकिस्तान को बदलने का वादा किया था लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें ही बदल दिया। ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट, क्रिकेटर, एंटी-फेमिनिस्ट और कट्टरपंथी इमरान खान ने अपनी जिंदगी में बदलाव का एक लंबा सफर तय किया। पाकिस्तान के आम चुनाव में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। इमरान खान पाकिस्तान के संभावित प्रधानमंत्री हैं।
पाकिस्तान की राजनीति का एक 65 वर्षीय नेता जो उदारवादियों की निंदा करता है, फेमिनिज्म पर हमला करता है, कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देता है और जिसने पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून को बरकरार रखने की कसम खाई है और जिसे पाकिस्तान की शक्तिशाली मिलिटरी का समर्थन है। इन सभी के घालमेल ने इमरान खान को पाकिस्तान चुनाव में अप्रत्याशित सफलता दिलाई है और वो सत्ताधारी पीएमएल-एन से दोगुनी सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। 2013 के आम चुनाव में 19 प्रतिशत वोट हासिल करके उन्होंने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई थी।
भ्रष्टाचार पर दोहरा रवैया
इसबार के आम चुनाव में इमरान खान ने भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर-शोर से उठाया और नवाज शरीफ और उनके परिवार पर जमकर निशाना साधा। आय से अधिक संपत्ति के मामले में नवाज शरीफ को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। इसी बात पर इमरान खान ने कहा कि नवाज शरीफ खानदान ने देश से गद्दारी की है। लेकिन भ्रष्टाचार पर उनका दोहरा रवैया देखने को मिला। क्योंकि जिन रैलियों में वो शरीफ खानदान पर हमला बोल रहे थे ठीक उसी वक्त उन्होंने अपनी पार्टी से जिताऊ और पैसेवाले उम्मीदवारों को टिकट दिया ना कि मेरिट के आधार पर।
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ईश निंदा कानून के समर्थक
पाकिस्तान पंजाब के गवर्नर थे सलमान तासीर। वो ईश निंदा कानून के विरोधी थे। 2011 में उनके सुरक्षा गार्ड मुमताज कादरी ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या से पहले सलमान तासीर एक इसाई औरत को ईशनिंदा कानून के तहत जेल भेजे जाने का विरोध कर रहे थे। 2018 में चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान की पार्टी के कुछ उम्मीदवार मुमताज कादरी की फोटो का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रचार के दौरान कादरी बड़े-बड़े बैनरों पर नजर आ रहे हैं।
इस्लामाबाद में एक रैली में इमरान खान ने कहा कि उनकी पार्टी 'पूरी तरह से' ईश निंदा कानून का समर्थन करती है और वो इसकी रक्षा करेगें। पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून में इबादतगाहों को अपवित्र करने, मजहबी भावनाएं भड़काने, पैगंबर हजरत मोहम्मद की आलोचना और कुरान शरीफ को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है। इस कानून में कुरान को क्षति पहुंचाने वाले के लिए उम्रकैद, जबकि पैगंबर की निंदा करने वाले के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।
इमरान खान के जिंदगी के कुछ रोचक तथ्यः-
- इमरान खान का जन्म 5 अक्टूबर, 1952 को लाहौर के एक पश्तून परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम इमरान अहमद खान नियाजी हैं।
- उन्होंने 12 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। 1975 में लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
- इमरान खान ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए अपना डेब्यू 1971 में बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ किया था। 1992 में बतौर कप्तान उन्होंने पाकिस्तान को पहला और एकमात्र विश्वकप दिलाया था।
- विश्वकप जीतने के बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा बोल दिया और साल 1996 ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी बनाकर राजनीति में कदम रखा।
- 1992 में पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास का एकमात्र विश्वकप जिताने वाले इमरान खान का नाम हर जुबान पर था। उनके गुड लुक्स की वजह से महिलाओं में भी उनकी खूब लोकप्रियता रही। ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट इमरान खान वक्त से साथ धार्मिक कट्टरपंथ की ओर झुकते रहे।
- इमरान खान की तीन शादियां हुई हैं। पहली शादी 16 मई 1995 में जेमाइमा गोल्डस्मिथ से की, दूसरी शादी 2015 में ब्रिटिश-पाकिस्तानी पत्रकार रेहम खान से रचाई और तीसरी शादी 2018 में बुशरा मानेका से की है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद की चुनौतियां
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान के पास अनेक चुनौतियां होगी जिनमें खस्ताहाल अर्थव्यवस्था, खाली होता विदेशी मुद्रा भंडार, चीन और अन्य देशों का कर्ज, आतंकवाद से निपटारा सबसे प्रमुख होगा। इसके अलावा उन्होंने युवाओं को 1 करोड़ रोजगार देने का वादा किया है। इमरान खान चीन की नीतियों का विरोध करते रहे हैं इसके बावजूद उन्हें चीन के साथ मिलकर देश के विकास को आगे बढ़ाना होगा। चीन के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में चीन सौहाद्र नहीं ला रहा बल्कि कई अन्य समस्याएं पैदा कर रहा है।
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