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Iran–Israel conflict: कितनी ताकतवर है ईरान की सेना, भंडार में हैं कौन से हथियार? जानिए विस्तार से

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: April 15, 2024 16:52 IST

ईरान की सेना की ताकत के बारे में अमेरिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसमें 5 लाख 80 हजार सक्रिय सैनिक हैं। इसके अलावा लगभग 2 लाख प्रशिक्षित रिजर्व कर्मी हैं। ईरान की सैन्य शक्ति पारंपरिक सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के बीच विभाजित है।

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ठळक मुद्देईरान और इजरायल के बीच सीधे सैन्य टकराव के बाद से ही इस क्षेत्र में तनाव चरम पर हैअमेरिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि ईरान की सेना में 5 लाख 80 हजार सक्रिय सैनिक हैंलगभग 2 लाख प्रशिक्षित रिजर्व कर्मी हैं

Iran–Israel conflict: मध्य पूर्व के दो कट्टर शत्रुओं ईरान और इजरायल के बीच सीधे सैन्य टकराव के बाद से ही इस क्षेत्र में तनाव चरम पर है।  इस महीने की शुरुआत में इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के राजनयिक परिसर में एक इमारत पर हमला किया था। इस हमले में  ईरान के सात वरिष्ठ कमांडरों और सैन्य कर्मियों की मौत हो गई। 

ईरान ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई और  लगभग दो सप्ताह बाद इजरायल पर एक एक व्यापक हवाई हमला किया। ईरानी हमले में सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें शामिल थीं। हालांकि इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने इनमें से ज्यादातर को हवा में ही नष्ट कर दिया लेकिन इसके बाद से ही ये बहस जारी है कि  ईरान की सेना कितनी ताकतवर है और उसके भंडार में कैसे हथियार हैं।

ईरान की सेना की ताकत के बारे में अमेरिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसमें 5 लाख 80 हजार सक्रिय सैनिक हैं। इसके अलावा लगभग 2 लाख प्रशिक्षित रिजर्व कर्मी हैं। ईरान की सैन्य शक्ति  पारंपरिक सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के बीच विभाजित है। पारंपरिक सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के अलग और सक्रिय जमीनी, वायु और नौसेना बल हैं। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं और यह एक कुद्स फोर्स का भी संचालन करते हैं।

कुद्स फोर्स को पूरे मध्य पूर्व में "प्रतिरोध की धुरी" के रूप में जाना जाता है। यह प्रॉक्सी मिलिशिया का एक नेटवर्क है जिसमें लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन में हौती, सीरिया और इराक में मिलिशिया समूह और गाजा में हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद शामिल हैं। माना जाता है कि प्रॉक्सी मिलिशिया के नेटवर्क को  हथियार देने, प्रशिक्षण देने का काम ईरान की लीडरशिप के निर्देश पर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ही करती है। 

ईरान के पास किस प्रकार के हथियार हैं?

दशकों से ईरान की सैन्य रणनीति सटीक और लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन बनाने और वायु रक्षा प्रणाली के विकास पर रही है। ईरान ने स्पीडबोट और कुछ छोटी पनडुब्बियों का एक बड़ा बेड़ा बनाया है जो फारस की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरने वाले शिपिंग यातायात और वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को बाधित करने में सक्षम हैं। ईरान के पास मध्य पूर्व में बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों का सबसे बड़ा भंडार है। इसमें क्रूज़ मिसाइलें और एंटी-शिप मिसाइलें, साथ ही 2,000 किलोमीटर या 1,200 मील से अधिक की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं। इनमें इजराइल समेत मध्य पूर्व में किसी भी लक्ष्य को भेदने की क्षमता और रेंज है।

हाल के वर्षों में ईरान ने लगभग 1,200 से 1,550 मील की दूरी वाले और रडार से बचने के लिए कम उड़ान भरने में सक्षम ड्रोन का एक बड़ा बेड़ा तैयार किया है।  ईरान के ड्रोन का इस्तेमाल रूस यूक्रेन में भी कर रहा है। ईरान ने अपने हथियार भंडार भूमिगत बना रखे हैं। इन्हें हवाई हमलों से नष्ट करना मुश्किल हो जाता है।

ड्रोन के एक प्रमुख उत्पादक ईरान ने अगस्त में कहा था कि उसने 2,000 किमी (1,240 मील) की रेंज वाले मोहजेर -10 नामक एक उन्नत घरेलू ड्रोन बनाया है जो 300 किलोग्राम तक के पेलोड के साथ 24 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है। 

ईरान की कम दूरी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में शहाब-1 शामिल है, जिसकी अनुमानित सीमा 300 किमी (190 मील) है। शहाब-1- 700 किमी, शहाब-3, 800-1,000 किमी, इमाद-1, 2,000 किमी, और सेजिल, 1,500-2,500 किमी तक मार करने में सक्षम हैं। ईरान के पास Kh-55 जैसी क्रूज़ मिसाइलें भी हैं, जो 3,000 किमी तक मार कर सकती है और हवा से लॉन्च किए जाने वाले परमाणु हथियार को ले जाने में सक्षम है। 

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