अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई, फिलिस्तीन के लिए मांगी गयी भूमि पर कब्जे का है मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 19, 2024 05:51 PM2024-02-19T17:51:23+5:302024-02-19T17:53:12+5:30

फिलिस्तीन के लिए मांगी गई भूमि पर इजरायल के 57 साल पुराने कब्जे की वैधता पर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के समक्ष यह सुनवाई छह दिनों तक चलेगी।

Hearing against Israel started in International Court matter of occupation of the land demanded for Palestine | अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई, फिलिस्तीन के लिए मांगी गयी भूमि पर कब्जे का है मामला

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (फाइल फोटो)

Highlightsइजरायल के खिलाफ आईसीजे में सुनवाई शुरूअंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के समक्ष यह सुनवाई छह दिनों तक चलेगी 51 देश और तीन अंतरराष्ट्रीय संगठन अपनी बात रखेंगे

नई दिल्ली: फिलिस्तीन के लिए मांगी गई भूमि पर इजरायल के 57 साल पुराने कब्जे की वैधता पर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के समक्ष यह सुनवाई छह दिनों तक चलेगी। सोमवार की सुबह फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी की ओर से प्रस्तुति दी गयी। यह सुनवाई इजरायल के कब्जे वाले क्षेत्रों में उसकी नीतियों पर एक गैर-बाध्यकारी सलाह के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अनुरोध किये जाने के बाद शुरू हुई है। 

इजरायल-हमास में जारी युद्ध के बीच अदालत के ‘ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस’ में मामले की सुनवाई शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में हो रही सुनवाई इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम पर इसके नियंत्रण पर केंद्रित है। फिलिस्तीन की कानूनी टीम संभवत: अंतरराष्ट्रीय न्यायाधीशों की पीठ को बताएगी कि इजरायल ने बड़े पैमाने पर कब्जे वाली भूमि पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। 

फलस्तीनी विदेश मंत्रालय में संयुक्त राष्ट्र संबंधी विभाग के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम (इस मामले में) अदालत से कुछ नया सुनना चाहते हैं।’ सोमवार को फलस्तीनी पक्ष के अदालत के समक्ष अपनी दलीलें रखने के बाद, अभूतपूर्व रूप से 51 देश और तीन अंतरराष्ट्रीय संगठन अपनी बात रखेंगे। अदालत को अपनी राय जारी करने में कई महीने लगने की संभावना है। सुनवाई के दौरान इजराइल एक लिखित बयान प्रस्तुत कर सकता है। वर्ष 1967 के युद्ध में इजराइल ने वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। फलस्तीनी सभी तीन क्षेत्रों को मिलाकर एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में चाहते हैं। वहीं, इजराइल वेस्ट बैंक को विवादित क्षेत्र मानता है, जिसका भविष्य बातचीत से तय किया जाना चाहिए। 

इस बीच गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से क्षेत्र में 29 हजार से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हमास के शासन वाले गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि बीते 24 घंटे में 107 शव अस्पतालों में लाए गए हैं, जिसके बाद युद्ध शुरू होने से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 29,092 हो गई है। मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि कितने आम लोग और कितने लड़ाके मारे गए हैं। हालांकि उसने बताया कि मारे गए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। सात अक्टूबर को हमास के चरमपंथियों ने दक्षिण इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1,200 के आसपास लोग मारे गए थे जबकि करीब 250 लोग बंधक बना लिए गए थे। हमास के हमले के बाद इजराइल ने गाजा के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था।

बता दें कि गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाले अरब समर्थित प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र (संरा) सुरक्षा परिषद में मंगलवार को मतदान होने की संभावना है। वहीं अमेरिका ने मतदान में वीटो का इस्तेमाल करने की घोषणा की है। अरब प्रतिनिधि अल्जीरिया ने मसौदा प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया है, जिस पर परिषद में मतदान किया जा सकता है। 

(इनपुट- भाषा)

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