हैकरों ने जापान की एक्सचेंज कंपनी से लूटे 34 अरब के क्रिप्टो करेंसी, जानें क्या है मामला
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: January 27, 2018 15:42 IST2018-01-27T15:22:44+5:302018-01-27T15:42:10+5:30
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी है। जिसे वर्चुअल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है।

हैकरों ने जापान की एक्सचेंज कंपनी से लूटे 34 अरब के क्रिप्टो करेंसी, जानें क्या है मामला
जापान के एक एक्सचेंज को 58 अरब येन यानी करीब 34 अरब रुपये का चूना लगा है। जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी की ओर से दावा करते हुए बताया गया है कि उसके साथ 34 अरब रुपये की ठगी की गई है। हैकरों ने कॉइनचेक एक्सचेंज कंपनी की करीब 34 अरब रुपये की क्रिप्टोकरेंसी हैक कर ली है।
कॉइनचेक एक्सचेंज कंपनी ने बीते शुक्रवार अपनी वेबसाइट पर जानकारी देते हुए बताया कि उसने NEM डिजिटल करेंसी की बिक्री के अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की डीलिंग्स पर भी पाबंदी लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी वित्तीय सहायता की मांग कर सकती है। जापानी टीवी फुटेज में शुक्रवार रात को ग्राहकों के समूह को कंपनी के टोक्यो स्थित हेड ऑफिस के बाहर खड़ा दिखाया गया।
एशिया में खुद को बिटकॉइन और क्रिप्टोकरंसी का सबसे बड़ा एक्सचेंज बताने वाली कॉइनचेक कंपनी का कहना है कि शुक्रवार रात करीब 3 बजे उसे अपने सिस्टम कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ और हैक होने की सूचना मिली थी। बता दें कि साल 2014 में जापान की एक बिटकॉइन एक्सचेंज एमटी. गोक्स के साथ हुई 48 अरब येन की हैकिंग के बाद हुई सबसे बड़ी हैकिंग है।
क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी है, जिसे वर्चुअल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है। यह साल 2009 से चलन में है। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है।
दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है। इसको जमा करना माइनिंग कहलाता है। क्रिप्टो करेंसी दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर की जा सकता है। यह किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट हो सकती है। जैस- रुपये, येन, डॉलर, यूरो आदि।