डेंगू बुखार के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है ग्लोबल वार्मिंग : अध्ययन

By भाषा | Updated: July 23, 2021 15:53 IST2021-07-23T15:53:40+5:302021-07-23T15:53:40+5:30

Global warming may help stop the spread of dengue fever: Study | डेंगू बुखार के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है ग्लोबल वार्मिंग : अध्ययन

डेंगू बुखार के प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है ग्लोबल वार्मिंग : अध्ययन

वाशिंगटन, 23 जुलाई ग्लोबल वार्मिंग डेंगू बुखार के प्रसार को सीमित करने में मदद कर सकती है लेकिन साथ ही यह उस जीवाणु के प्रभाव को भी कम कर सकती है जिसका इस्तेमाल मच्छरों में विषाणु संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है।

यह बात पत्रिका ‘पीएलओएस नगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज’ में बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में कही गई है।

अध्ययन में पाया गया कि डेंगू विषाणु का संक्रमण मच्छरों को गर्म तापमान के प्रति और अधिक संवेदनशील बना देता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी पाया कि हाल में डेंगू के खिलाफ जैविक नियंत्रण के रूप में इस्तेमाल किए गए जीवाणु ‘वोल्बाचिया’ भी कीटों की तापीय संवेदनशीलता को बढ़ा देते हैं।

उल्लेखनीय है कि डेंगू बुखार मच्छर ‘एडीज एजिप्टी’ के काटने से फैलने वाले विषाणु से होता है। यह बीमारी घातक है जिसका अभी कोई खास इलाज उपलब्ध नहीं है।

अमेरिका की पेनसिल्वानिया स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एलिजाबेथ मैक्ग्रॉ ने कहा, ‘‘यह मच्छर (एडीज एजिप्टी) विषाणु से उत्पन्न होने वाली कई बीमारियों, जैसे कि जीका, चिकनगुनिया और पीला बुखार, के लिए भी जिम्मेदार है।’’

हाल के वर्षों में, अनुसंधानकर्ताओं ने विश्वभर में ‘एडीज एजिप्टी’ मच्छरों को जीवाणु ‘वोल्बाचिया’ से संक्रमित कर और फिर उन्हें वातावरण में छोड़कर इन विषाणुओं पर नियंत्रण के प्रयास किए हैं।

डेंगू सहित विभिन्न विषाणुओं को मच्छरों के शरीर में बढ़ने से रोकने में जीवाणु ‘वोल्बाचिया’ मददगार रहा है।

मैक्ग्रॉ ने कहा कि डेंगू विषाणु और वोल्बाचिया जीवाणु दोनों ही मच्छरों के शरीर में विभिन्न ऊतकों को संक्रमित करते हैं तथा विषैले न होने के बावजूद एक रोग प्रतिरोधक दबाव प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि डेंगू और वोल्बाचिया से संक्रमित मच्छर पहले ही दबाव प्रतिक्रिया का सामना कर रहे होते हैं, हमने सोचा कि वे गर्मी जैसी अतिरिक्त दबाव वाली चीज से निपटने में कम सक्षम होंगे।’’

अनुसंधानकर्ताओं ने संक्रमित मच्छरों को सीलबंद शीशियों में रखा और फिर इन शीशियों को 42 डिग्री सेल्सियस तक गर्म पानी में रखा। इसके बाद उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि मच्छरों को गतिहीन होने में कितना समय लगा और फिर इसकी तुलना गैर संक्रमित मच्छरों के गतिहीन होने के समय से की।

टीम ने पाया कि डेंगू विषाणु से संक्रमित मच्छरों में गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशीलता उत्पन्न हो गई। वे गैर संक्रमित मच्छरों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक गति से ‘गतिहीन’ हो गए। इसी तरह गैर संक्रमित मच्छरों की तुलना में वोल्बाचिया जीवाणु से संक्रमित मच्छर चार गुना अधिक गति से ‘गतिहीन’ हो गए।

इसके बाद, अनुसंधानकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में कहा कि ग्लोबल वार्मिंग डेंगू बुखार के प्रसार को सीमित करने में मदद कर सकती है लेकिन साथ ही यह उस जीवाणु के प्रभाव को भी कम कर सकती है जिसका इस्तेमाल मच्छरों में विषाणु संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है।

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Web Title: Global warming may help stop the spread of dengue fever: Study

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