IMF को छोड़ेंगी गीता गोपीनाथ, दोबारा लौटेंगी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 22, 2025 09:20 IST2025-07-22T09:18:13+5:302025-07-22T09:20:58+5:30
Gita Gopinath News: पहले वह शिकागो विश्वविद्यालय के ‘बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस’ में (2001-05) अर्थशास्त्र की सहायक प्रोफेसर थीं ।

IMF को छोड़ेंगी गीता गोपीनाथ, दोबारा लौटेंगी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
Gita Gopinath News: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में प्रथम उप प्रबंध निदेशक भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर के रूप में पुन: सेवाएं देंगी। आईएमएफ के इतिहास में पहली मुख्य महिला अर्थशास्त्री गोपीनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आईएमएफ में लगभग सात अद्भुत वर्षों के बाद मैंने अपनी शैक्षणिक जड़ों की ओर लौटने का फैसला किया है।’’
गोपीनाथ एक सितंबर को हार्वर्ड के अर्थशास्त्र विभाग में अर्थशास्त्र की प्रथम ‘ग्रेगरी और एनिया कॉफी प्रोफेसर’ के रूप में फिर से सेवाएं देंगी। उन्होंने कहा कि वह आईएमएफ में बिताए गए समय के लिए ‘‘वाकई आभारी’’ हैं। वह आईएमएफ में पहले मुख्य अर्थशास्त्री थीं और फिर उन्होंने प्रथम उप प्रबंध निदेशक के रूप में सेवाएं दीं। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व चुनौतियों के दौर में आईएमएफ के लिए काम करना जीवन में एक बार मिलने वाला मौका है।
Managing Director @KGeorgieva today announced that First Deputy Managing Director @GitaGopinath will leave the IMF at the end of August to return to @Harvard University. Read the statement here: https://t.co/FPfhvjfJ3lpic.twitter.com/1Fdoyco9yj
— IMF (@IMFNews) July 21, 2025
उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं अकादमिक जगत में अपनी जड़ों की ओर लौट रही हूं, जहां मैं वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्त और समष्टि अर्थशास्त्र में अनुसंधान को आगे बढ़ाने तथा अर्थशास्त्रियों की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करने के लिए तत्पर हूं।’’
गोपीनाथ जनवरी 2019 में मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में आईएमएफ में शामिल हुई थीं और जनवरी 2022 में उन्हें प्रथम उप प्रबंध निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया। आईएमएफ में शामिल होने से पहले गोपीनाथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की ‘जॉन ज्वानस्ट्रा प्रोफेसर’ (2005-22) थीं और उससे
पहले वह शिकागो विश्वविद्यालय के ‘बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस’ में (2001-05) अर्थशास्त्र की सहायक प्रोफेसर थीं ।आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गोपीनाथ को एक ‘‘उत्कृष्ट सहयोगी, मिशन और फंड के सदस्यों के प्रति समर्पित एक असाधारण बौद्धिक नेता और एक शानदार प्रबंधक’’ करार दिया।