पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा- कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाना कठिन काम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 11, 2023 03:47 PM2023-03-11T15:47:10+5:302023-03-11T18:54:09+5:30

जरदारी ने फलस्तीन और कश्मीर के हालात को ‘एक समान’ बताये जाने वाले एक प्रश्न के जवाब में शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आपने यह सही कहा कि हमारे सामने कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाने का विशेष रूप से मुश्किल काम है।’’ 

Getting Kashmir issue at centre of UN agenda 'uphill task', says Pakistan's foreign minister Bilawal Bhutto | पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा- कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाना कठिन काम

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा- कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाना कठिन काम

Highlightsजरदारी ने कहा- कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाने का ‘‘मुश्किल कार्य’’ हैभारत का जिक्र करते हुए जरदारी की जुबान लड़खड़ाई उन्होंने ‘पड़ोसी’ शब्द का इस्तेमाल करने से पहले भारत के लिए ‘हमारे मित्र’ शब्द का इस्तेमाल किया

न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि उनके देश के सामने कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाने का ‘‘मुश्किल कार्य’’ है। भारत का जिक्र करते हुए जरदारी की जुबान लड़खड़ाई और उन्होंने ‘पड़ोसी’ शब्द का इस्तेमाल करने से पहले उसके लिए ‘हमारे मित्र’ शब्दों का इस्तेमाल किया। जरदारी ने फलस्तीन और कश्मीर के हालात को ‘एक समान’ बताये जाने वाले एक प्रश्न के जवाब में शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आपने यह सही कहा कि हमारे सामने कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के केंद्र में लाने का विशेष रूप से मुश्किल काम है।’’ 

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के हर मंच पर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाता है, भले ही किसी भी विषय या एजेंडे पर चर्चा की जा रही हो। बहरहाल, वह इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों का व्यापक समर्थन हासिल करने में विफल रहा है। अधिकतर देश कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला मानते हैं। 

चौंतीस-वर्षीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘और कभी कश्मीर का मामला उठाया जाता है, तो हमारे मित्र... हमारे दोस्त... हमारे... हमारे... पड़ोसी देश कड़ा और जोर-शोर से विरोध करते हैं और हकीकत से परे अपने आख्यान पर स्थिर रहते हैं और दावा करते हैं कि यह संयुक्त राष्ट्र का विवाद नहीं है और यह विवादित क्षेत्र नहीं है।’’ 

भारत ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद से भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साफ कहा है कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना उसका आंतरिक मामला है। उसने पाकिस्तान को भी वास्तविकता स्वीकार करने और भारत-विरोधी सभी दुष्प्रचार रोकने की सलाह दी है। 

जरदारी ने कहा, ‘‘सच्चाई को सामने लाना हमारे लिए मुश्किल है, लेकिन हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह हर मौके पर और हर मंच पर फलस्तीन और कश्मीर के लोगों की स्थिति का जिक्र करने का प्रयास करते हैं, भले ही वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद हो या कोई अन्य कार्यक्रम। 

जरदारी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपने जो समानता बताई है, वह उचित है। कश्मीर के लोगों की स्थिति और फलस्तीन के लोगों की स्थिति में कई समानताएं हैं। मेरे अनुसार यह कहना उचित है कि संयुक्त राष्ट्र ने दोनों मामलों पर ध्यान नहीं दिया और हम चाहते हैं कि न केवल फलस्तीन, बल्कि कश्मीर पर भी अतिरिक्त ध्यान दिया जाए।’’

(कॉपी भाषा)

Web Title: Getting Kashmir issue at centre of UN agenda 'uphill task', says Pakistan's foreign minister Bilawal Bhutto

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे