नई दिल्ली: जर्मन चांसलर ओल्फ शोल्ज ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर की "यूरोपीय मानसिकता" वाली वायरल टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। बता दें कि जयशंकर ने पिछले साल कहा था कि यूरोप कई मुद्दों पर खामोश रहता है। उन्होंने ये भी कहा था कि उसे इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि यूरोप की समस्याएं विश्व की समस्याएं हैं, लेकिन विश्व की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन चांसलर ओल्फ शोल्ज ने कहा, "यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं- भारतीय विदेश मंत्री का यह उद्धरण इस साल की म्यूनिख सुरक्षा रिपोर्ट में शामिल है और उनकी बात में दम है। यह अकेले यूरोप की समस्या नहीं होगी यदि मजबूत कानून अंतरराष्ट्रीय संबंधों में खुद को स्थापित करे।"
जर्मन चांसलर कहा, "हमें आमतौर पर संयुक्त कार्रवाई के लिए बुनियादी पूर्वापेक्षा के रूप में इन देशों के हितों और चिंताओं को दूर करना होगा। और इसीलिए मेरे लिए यह इतना महत्वपूर्ण था कि पिछले जून में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान वार्ता की मेज पर केवल एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधि ही नहीं थे। मैं वास्तव में इन क्षेत्रों के साथ काम करना चाहता था ताकि वे बढ़ती गरीबी और भुखमरी का सामना कर सकें। आंशिक रूप से रूस के युद्ध के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन या कोविड-19 के प्रभाव के कारण ये चुनौतियां सामने आई हैं।"
जून 2022 में ग्लोबसेक (GLOBSEC) ब्रातिस्लावा फोरम के 17वें संस्करण के दौरान जयशंकर से एक सवाल पूछा गया, जिसके जवाब में जयशंकर ने कहा था यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि यूरोप की समस्या विश्व की समस्या है लेकिन विश्व की समस्या यूरोप की समस्या नहीं है।"