Gen-Z Revolution:14 की मौत और 100 घायल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर बैन, काठमांडू में प्रदर्शन, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 8, 2025 17:12 IST2025-09-08T14:16:26+5:302025-09-08T17:12:36+5:30
Gen-Z Revolution LIVE: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में अपंजीकृत सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के अपने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि “राष्ट्र को कमजोर किए जाने के प्रयास कभी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”

Gen-Z Revolution LIVE
काठमांडूः फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध के खिलाफ काठमांडू में हजारों लोगों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नेपाल पुलिस ने कहा, "काठमांडू में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के कारण 14 लोगों की मौत हो गई।" गोलीबारी में 100 घायल हो गए। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में अपंजीकृत सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के अपने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि “राष्ट्र को कमजोर किए जाने के प्रयास कभी बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।” ओली की यह टिप्पणी विभिन्न समूहों के उनकी सरकार के इस फैसला का विरोध किए जाने के बीच आई है।
Nepal: Death toll rises to 14 in Gen Z protests in Kathmandu
— ANI Digital (@ani_digital) September 8, 2025
Read @ANI Story | https://t.co/XQIqXofwXX#Nepal#Kathmandu#GenZProtest#DeathToll#SocialMediaBanpic.twitter.com/ErPbGNhuFA
#UPDATE | Nepal Police says, "Nine people have lost their lives as Protest turned violent in Kathmandu as people staged a massive protest against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters" https://t.co/2gM8GGjJdx
— ANI (@ANI) September 8, 2025
#WATCH | Nepal: Thousands of people stage massive protest in Kathmandu against the ban on social media sites, including Facebook, Instagram, WhatsApp and others. pic.twitter.com/sJWDaIoRhB
— ANI (@ANI) September 8, 2025
Nepal: Massive Protests break out in Kathmandu over corruption, social media ban; curfew imposed
Read @ANI Story | https://t.co/Ges1BQXEKS#Nepal#Protests#Kathmandu#Corruption#SocialMediaBan#Curfewpic.twitter.com/emYM8gDCOn— ANI Digital (@ani_digital) September 8, 2025
नेपाल सरकार ने बृहस्पतिवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, क्योंकि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ पंजीकरण कराने में नाकाम रहीं। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को पंजीकरण के लिए 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया गया था।
Kathmandu, Nepal: A protester says, "A while ago, the police fired bullets which did not hit me but hit a friend of mine standing behind me. He was shot in the hand. The firing is still going on and we can hear gunfire from inside the parliament as well. My friend, who was… https://t.co/2gM8GGjJdxpic.twitter.com/qV6gI9x5SF
— ANI (@ANI) September 8, 2025
नोटिस में कहा गया है कि बुधवार रात समय सीमा समाप्त होने तक किसी भी बड़े सोशल मीडिया मंच, जिनमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (पूर्व में ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन शामिल हैं, ने पंजीकरण संबंधी आवेदन जमा नहीं किया था। ओली ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के सम्मेलन के अंतिम दिन पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी “हमेशा विसंगतियों और अहंकार का विरोध करेगी तथा राष्ट्र को कमजोर करने वाले किसी भी कार्य को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।”
#WATCH | Nepal | Protestors vandalise the Parliament gate as the protest turned violent in Kathmandu, as people staged a massive protest against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters pic.twitter.com/dkh9Mg7BGc
— ANI (@ANI) September 8, 2025
समाचार पत्र ‘माई रिपब्लिका’ की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं है, “लेकिन इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जो लोग नेपाल में व्यापार कर रहे हैं, पैसा कमा रहे हैं, वे कानून का पालन नहीं करें।” ओली ने कहा, “देश की आजादी मुट्ठी भर लोगों की नौकरी जाने से कहीं ज्यादा अहम है।
कानून की अवहेलना, संविधान की अवहेलना और राष्ट्रीय गरिमा, स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का अनादर करना कैसे स्वीकार्य हो सकता है?” हाल ही में बढ़ती आलोचनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रदर्शनकारियों और आंदोलनकारी आवाजों को “ऐसी कठपुतलियां करार दिया, जो केवल विरोध के लिए विरोध करती हैं।” इस बीच, रविवार को काठमांडू के मध्य में मैतीघर मंडला में दर्जनों पत्रकारों ने 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया।
उन्होंने प्रतिबंध को तत्काल हटाने की मांग की और कहा कि यह कदम प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शकारी पत्रकारों ने “जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता” और “आओ बोलें” जैसे नारे लिखी तख्तियां थाम रखी थीं।