आग लगने के बाद डूबने की कगार पर है मालवाहक जहाज : श्रीलंकाई अधिकारी
By भाषा | Updated: May 27, 2021 17:54 IST2021-05-27T17:54:48+5:302021-05-27T17:54:48+5:30

आग लगने के बाद डूबने की कगार पर है मालवाहक जहाज : श्रीलंकाई अधिकारी
कोलंबो, 27 मई श्रीलंका की शीर्ष पर्यावरण संस्था ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिंगापुर के ध्वज वाला जहाज डूबने के कगार पर है और उसके कारण तेल फैलने से निपटने की तैयारियां चल रही है। इस मालवाहक जहाज में पिछले हफ्ते कोलंबो तट के पास आग लग गई थी।
शीर्ष समुद्री पर्यावरणीय सुरक्षा प्राधिकरण (एमईपीए) के एक अधिकारी टर्नी प्रदीप कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार पक्षों से हर्जाना मांगेगी।
कुमार ने कहा, ‘‘चालक दल के सदस्यों से पूछताछ की जाएगी और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। अटॉर्नी जनरल के जरिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’
आग लगने की सूचना मिलने के बाद एमवी ‘एक्स-प्रेस पर्ल’ के सभी भारतीय, चीनी, फिलीपीन तथा रूस की नागरिकता वाले चालक दल के 25 सदस्यों को मंगलवार को बचाया गया।
कुमार ने कहा, ‘‘हमने तेल रिसाव की प्रक्रिया रोकने से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। आवश्यक उपकरणों को तैयार रखा गया है।’’
नेशनल एक्वेटिक रिसोर्स रिसर्च एंड डेवलेपमेंट एजेंसी (एनएआरए) ने कहा कि जहाज से बहकर तट पर आए रसायन और अन्य सामग्री एकत्रित की जाएगी तथा उनकी जांच की जाएगी।
इस जांच के आधार पर एनएआरए के अधिकारी समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को पहुंचे नुकसान के बारे में बता पाएंगे।
एक्स-प्रेस पर्ल के टैंकों में 325 मीट्रिक टन ईंधन के अलावा 25 टन हानिकारक नाइट्रिक एसिड भी था।
यह मालवाहक जहाज गुजरात के हजीरा से कोलंबो बंदरगाह पर रसायन और कॉस्मेटिक्स के लिए आवश्यक कच्चा सामान लेकर आ रहा था।
यह आग 20 मई को तब लगी जब जहाज कोलंबो से करीब 18 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम में था और बंदरगाह में प्रवेश का इंतजार कर रहा था।
जहाज पर लगी आग को बुझाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। श्रीलंकाई नौसेना, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और समुद्री पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण का एक विशेष दल 21 मई को जहाज पर पहुंचा।
मदद मांगने पर भारतीय तटरक्षक बल ने मंगलवार को दो जहाज भेजे। यूरोपीय संघ के जहाज भी बुधवार को अग्निशमन अभियान में शामिल हो गए।
अधिकारियों ने बताया समुद्र में ऊंची लहरें उठने और खराब मौसम के कारण बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है।
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