ताइवान का चीन को करारा संदेश- 'आजादी अपराध नहीं है, तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे'
By रुस्तम राणा | Updated: January 1, 2022 15:34 IST2022-01-01T15:34:21+5:302022-01-01T15:34:21+5:30
अपने नए साल के पहले संबोधन में राष्ट्रपति त्साई ने कहा, "लोकतंत्र और स्वतंत्रता की खोज कोई अपराध नहीं है, और हांगकांग के समर्थन में ताइवान की स्थिति नहीं बदलेगी। अपनी चिंता दिखाने के अलावा, हम अपनी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता को संजोएंगे और लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे।"

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन
नए साल पर ताइवान ने चीन को करारा संदेश दिया है। ये संदेश चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ है। ताइवान ने चीन से कहा है कि आजादी अपराध नहीं है। तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की जंग जारी रहेगी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने शनिवार को कहा कि चीन की ओर से लगातार बढ़ते सैन्य और राजनयिक दबाव के बीच ताइवान को अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
अपने नए साल के पहले संबोधन में राष्ट्रपति साई ने कहा, "लोकतंत्र और स्वतंत्रता की खोज कोई अपराध नहीं है, और हांगकांग के समर्थन में ताइवान की स्थिति नहीं बदलेगी। अपनी चिंता दिखाने के अलावा, हम अपनी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता को संजोएंगे और लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे।"
उन्होंने चीन को संदेश देते हुए कहा, "हम ताइवान को और बेहतर बनाएंगे और दुनिया को दिखाएंगे कि लोकतांत्रिक ताइवान में सत्तावादी चीन की छाया से बाहर निकलने का साहस है और हम दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।"
ताइवान फोकस को लेकर उन्होंने कहा "अपने वैश्विक जुड़ाव को जारी रखना, अपनी आर्थिक गति को बनाए रखना, सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना और देश की संप्रभुता की रक्षा करना 2022 में स्थिर शासन के लिए हमारी योजना के ये चार स्तंभ हैं।"
दरअसल, दशकों से शासन अलग होने के बावजूद भी चीन ताइवान को अपना एक अलग प्रांत मानता रहा है। लेकिन ताइपे ने अमेरिका सहित अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है। वहीं बीजिंग की ओर से युद्ध के माध्यम से "ताइवान की स्वतंत्रता" छीनने की धमकी भी आती रही है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने अपने नए साल 2022 के संबोधन में ताइवान को लेकर चीन के एकीकरण की बात कही है। शी जिनपिंग ने अपने देश की जनता से ये वादा किया है कि वो ताइवान को 'मुख्य भूमिचीन' में मिलाकर ही रहेंगे।