आर्थिक संकट को लेकर श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने अपनी सरकार को कोसा, मदद के लिए भारत का जताया अभार
By रुस्तम राणा | Published: April 10, 2022 02:16 PM2022-04-10T14:16:44+5:302022-04-10T14:22:26+5:30
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, मुझे लगता है कि भारत ने सबसे ज्यादा मदद की है और वे अभी भी गैर-वित्तीय तरीकों से मदद कर रहे हैं। इसलिए, हमें उनका आभारी होना चाहिए।
कोलंबो: आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार को अपने देश की सरकार को कोसा है। उन्होंने गोटाबाया सरकार को अक्षम बताया है और श्रीलंका की मदद के लिए भारत का आभार जताया है। उन्होंने मीडिया एजेंसी एएनआई के हवाले से यह कहा है कि मुझे लगता है कि भारत ने सबसे ज्यादा मदद की है और वे अभी भी गैर-वित्तीय तरीकों से मदद कर रहे हैं। इसलिए, हमें उनका आभारी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट ने राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। जो हो रहा है वह देश के लिए आपदा है। 2 साल तक सरकार ने आर्थिक मुद्दों की अनदेखी की। अपनी सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, जब हम 2019 में गए, तो प्राथमिक बजट पर सरप्लस था और कर्ज चुकाने के लिए पैसा था।
आर्थिक संकट ने राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। जो हो रहा है वह देश के लिए आपदा है। 2 साल तक सरकार ने आर्थिक मुद्दों की अनदेखी की। जब हम 2019 में गए, तो प्राथमिक बजट पर सरप्लस था और कर्ज चुकाने के लिए पैसा था: श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे pic.twitter.com/73nRqtAUI3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 10, 2022
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि सरकार के पास इतने संसाधन हैं और अब वे बिल का भुगतान करने के लिए प्रमुख निर्यात कंपनियों से पैसे उधार ले रहे हैं। ईंधन के लिए भारत की क्रेडिट लाइन मई के दूसरे सप्ताह तक समाप्त हो जाएगी और फिर हम गंभीर संकट में पड़ने वाले हैं।
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कोलंबो में इस सरकार के तहत कोई भारी चीनी निवेश नहीं। उन्होंने निवेश की मांग की है लेकिन निवेश नहीं आया है। मुझे लगता है कि ऋणों के भुगतान के पुनर्निर्धारण के बारे में चर्चा चल रही है। उन्हें चीनी सरकार से बात करनी चाहिए। दरअसल श्रीलंका पर चीन का भारी कर्जा है।