चीन, तालिबान के बीच काबुल में हुई पहली वार्ता

By भाषा | Updated: August 25, 2021 20:41 IST2021-08-25T20:41:07+5:302021-08-25T20:41:07+5:30

First talks between China, Taliban held in Kabul | चीन, तालिबान के बीच काबुल में हुई पहली वार्ता

चीन, तालिबान के बीच काबुल में हुई पहली वार्ता

चीन के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बीजिंग ने उसके साथ पहला कूटनीतिक संपर्क स्थापित किया है और दोनों पक्षों के बीच अब “सुगम एवं प्रभावी संवाद” है। अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए तय की गई समयसीमा से दो हफ्ते पहले तालिबान ने 15 अगस्त को देश पर कब्जा जमा लिया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया से कहा, “चीन और अफगान तालिबान के बीच सुगम और प्रभावी संवाद है।”उनसे तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख अब्दुल सलाम हनाफी और अफगानिस्तान में चीनी राजदूत वांग यू के बीच काबुल में हुई बातचीत के बारे में पूछा गया था। वांग ने बातचीत के बारे में विवरण दिए बिना कहा, “महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए काबुल स्वाभाविक रूप से एक महत्वपूर्ण मंच और माध्यम है।”वांग ने कहा, “हम हमेशा अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं और अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने के सिद्धांत का पालन करते हैं तथा सभी अफगान लोगों के प्रति मैत्रीपूर्ण नीति रखते हैं।”उन्होंने कहा कि चीन अफगान लोगों के अपने भविष्य और भाग्य को लेकर किए गए स्वतंत्र फैसले का सम्मान करता है, अफगान नेतृत्व और अफगान स्वामित्व वाले सिद्धांतों के क्रियान्वयन का समर्थन करता है।उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान के साथ मित्रता एवं सहयोग के अच्छे पड़ोसी के रिश्तों को विकसित करने तथा देश में शांति व पुनर्निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए चीन तैयार है।”तालिबान के 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद भारत, अमेरिका और अन्य देशों ने अपने राजनयिक मिशन बंद कर दिए थे जबकि पाकिस्तान और रूस के साथ चीन ने काबुल में अपना दूतावास खुला रखा है। काबुल पर तालिबान के कब्जे ने दुनिया को चौंका दिया था। इस दौरान चीन शांत बना रहा और उसने काबुल में एक समावेशी सरकार का आह्वान किया। चीन ने पिछले हफ्ते मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की थी। बरादर के साथ अपनी बातचीत के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उनसे आतंकी समूहों विशेषकर शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमान आतंकी समूह ‘द ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ (ईटीआईएम) से अपने संबंध तोड़ने को कहा था। बरादर ने कथित तौर पर वांग को आश्वासन दिया था कि तालिबान अफगानिस्तान से ईटीआईएम को अपनी गतिविधियों के संचालन की इजाजत नहीं देगा और युद्ध प्रभावित देश में चीनी निवेश का आह्वान किया।

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Web Title: First talks between China, Taliban held in Kabul

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