लाइव न्यूज़ :

फ्रांस और जपान में ‘ओमीक्रोन’ से जुड़े पहले मामले की पुष्टि

By भाषा | Updated: November 30, 2021 17:59 IST

Open in App

पेरिस/तोक्यो, 30 नवंबर (एपी) फ्रांस और जापान ने मंगलवार को अपने-अपने यहां कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से जुड़ा पहला मामला सामने आने की पुष्टि की। इस बीच, दुनियाभर के देश जहां इस स्वरूप के प्रसार को सीमित करने के तरीके ढूंढ़ने में लगे हैं, वहीं वैज्ञानिक यह अध्ययन करने में लगे हैं कि आखिर ‘ओमीक्रोन’ कितना खतरनाक हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि नए स्वरूप से जुड़े शुरुआती साक्ष्यों के आधार पर ऐसा लगता है कि जोखिम ‘‘बहुत अधिक’’ है और इसके ‘‘गंभीर परिणाम’’ हो सकते हैं।

फ्रांस सरकार के प्रवक्ता गैब्रियल अट्टल ने ‘यूरोप 1 रेडियो स्टेशन’ के साथ एक साक्षात्कार में हिन्द महासागर स्थित फ्रांसीसी द्वीप क्षेत्र ‘रीयूनियन’ में वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला सामने आने की पुष्टि की।

द्वीप क्षेत्र स्थित संक्रामक रोग अनुसंधान केंद्र के सूक्ष्म जीव विज्ञानी पैट्रिक माविंगुई ने कहा कि 53 वर्षीय जो व्यक्ति कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित पाया गया है, वह मोजाम्बिक की यात्रा पर गया था और ‘रीयूनियन’ लौटने से पहले दक्षिण अफ्रीका में रुका था।

माविंगुई ने बताया कि इस व्यक्ति को पृथक-वास में रखा गया है और उसे मांसपेशियों में दर्द तथा थकान जैसे लक्षण हैं।

जापान ने भी आज पुष्टि की कि उसके यहां कोरोना वायरस के नए स्वरूप से जुड़ा पहला मामला सामने आया है। इसने कहा कि यह मामला नामीबिया से लौटे यात्रियों में से एक से जुड़ा है। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि रविवार को नरिता हवाई अड्डे पर पहुंचा एक यात्री ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित पाया गया, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

जापान ने नए स्वरूप के प्रसार को रोकने के आपातकालीन प्रयासों के तहत एक दिन पहले सभी विदेशी यात्रियों के आगमन पर रोक लगा दी थी।

इस बीच, कंबोडिया ने वायरस के नए स्वरूप के जोखिम के चलते 10 अफ्रीकी देशों से यात्रियों के अपने यहां आगमन पर रोक लगा दी। यह कदम तब उठाया गया है जब देश ने दो सप्ताह पहले 15 नवंबर को ऐसे लोगों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी थीं, जो कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगवा चुके हैं।

कोरोना वायरस के नए स्वरूप की पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैज्ञानिक वायरस के नए स्वरूप के बारे में ठीक जानकारी पता लगाने के काम में लगे हैं, लेकिन देशों को अपना टीकाकरण अभियान तेज करना चाहिए।

नए स्वरूप को लेकर दुनियाभर में जहां चिंता है, वहीं दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों ने कहा है कि ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित लोगों में अब तक हल्के लक्षण ही सामने आए हैं। हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी ये शुरुआती आंकड़े हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटHaryana vs Jharkhand, Final: 18 दिसंबर को झारखंड-हरियाणा में फाइनल मुकाबला, मप्र, राजस्थान, मुंबई, आंध्र, हैदराबाद और पंजाब बाहर

क्रिकेटIPL Auction 2026: सभी 10 टीमों के सोल्ड, अनसोल्ड और रिटेन किए गए खिलाड़ियों की पूरी लिस्ट देखें

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

क्रिकेटIPL 2026 Auction: मुंबई के सरफराज खान को CSK ₹75 लाख की बेस प्राइस पर खरीदा, पृथ्वी शॉ अनसोल्ड रहे

क्रिकेटIPL Auction: सबसे महंगे अनकैप्‍ड प्‍लेयर Prashant Veer, 14.20 करोड़ में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने खरीदा

विश्व अधिक खबरें

विश्व7 सिस्टर्स को भारत से अलग कर देंगे: बांग्लादेश नेता की गीदड़ भभकी, असम के सीएम ने भी दिया करारा जवाब, VIDEO

विश्वखुद ड्राइव कर प्रधानमंत्री मोदी को जॉर्डन संग्रहालय ले गए प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय, वीडियो

विश्वMexico: प्राइवेट प्लेन दुर्घटनाग्रस्त, 7 लोगों की मौत; लैंडिंग की कोशिश के समय हादसा

विश्वऑस्ट्रेलियाई सरकार ने चेतावनियों की अनदेखी की !

विश्वChile New President: 35 वर्षों के बाद दक्षिणपंथी सरकार?, जोस एंतोनियो कास्ट ने कम्युनिस्ट उम्मीदवार जेनेट जारा को हराया