काहिरा, 14 सितंबर (एपी) मिस्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के पश्चिमी रेगिस्तान में एक दशक पहले जिस प्रागैतिहासिक काल के चार पैरों वाली व्हेल का जीवाश्म का पता चला था वह पूर्व में एक अज्ञात प्रजाति थी। यह प्राणी आधुनिक व्हेल का पूर्वज है और समझा जाता है कि इसका अस्तित्व 4.3 करोड़ वर्ष पहले था।
जीवाश्म वैज्ञानिक हेशम सल्लाम ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि प्रागैतिहासिक व्हेल को उभयचर माना जाता है क्योंकि यह जमीन और समुद्र दोनों जगह रहती थी।
जीवाश्म का पता सर्वप्रथम 2008 में मिस्र के पर्यावरणविदों ने ऐसे क्षेत्र में लगाया जो प्रागैतिहासिक काल में समुद्री इलाका था, लेकिन शोधकर्ताओं ने पिछले महीने नई प्रजाति की पुष्टि करने के बाद अपने निष्कर्ष को प्रकाशित किया।
सल्लाम ने कहा कि उनकी टीम ने 2017 तक जीवाश्म का परीक्षण नहीं किया था क्योंकि इस अध्ययन के लिए वह मिस्र के बेहतरीन जीवाश्म वैज्ञानिकों को एकजुट करना चाहते थे।
सल्लाम ने कहा, ‘‘मिस्र के जीवाश्म विज्ञान के इतिहास में पहली बार मिस्र की टीम ने चार पैरों वाली व्हेल की प्रजाति पर अध्ययन किया है।’’
जीवाश्म से पता चलता है कि किस तरह से व्हेल जमीन पर रहने वाले शाकाहारी जानवर से आज पानी में रहने वाले मांसाहारी जानवर बन गए। इस बदलाव में एक करोड़ वर्ष से अधिक समय लग गया। यह लेख ‘रॉयल सोसायटी बी’ की पत्रिका में छपा है।
मिस्र का पश्चिमी रेगिस्तान तथाकथित व्हेल घाटी के नाम से जाना जाता है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है और यह देश का एकमात्र विश्व धरोहर स्थल है जिसमें प्रागैतिहासिक व्हेल के अन्य तरह के जीवाश्म रखे हुए हैं।
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