काठमांडू:नेपाल में देर रात आए 6.4 तीव्रता के जोरदार भूकंप के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 128 हो गई है। नेपाल अधिकारियों के अनुसार, 140 से अधिक लोग घायल हुए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। स्थानीय लोगों को रात के अंधेरे में मलबे में खुदाई करते हुए, ढहे हुए घरों और इमारतों के मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश करते हुए देखा गया।
नेपाल उत्तर-पश्चिमी हिस्से में शुक्रवार देर रात 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण भारी जान-माल की हानि हुई है और आशंका जताई जा रही है कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
रुकुम पश्चिम में कम से कम 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि जजरकोट में 34 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रुकुम पश्चिम के मुख्य जिला अधिकारी हरि प्रसाद पंत ने बताया कि कुम पश्चिम में कम से कम 36 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, और मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। शनिवार सुबह भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने जताया दुख
भूकंप के कारण देश में मरने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने मानवीय और भौतिक क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया है। पीएमो की ओर से एक्स पर पोस्ट कर मरने वालों के प्रति गहरा शोक जताया गया है।
बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई और भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किमी की गहराई पर था। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के कई जिलों में भी महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल रहा जिसके कारण वहां अधिक तबाही मची जबकि दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटकों से धरती हिल गई।
शुक्रवार को आया भूकंप पिछले महीने में राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण झटके महसूस करने की तीसरी घटना है, ये सभी नेपाल में आए भूकंप के बाद हैं। 15 अक्टूबर को, दिल्ली और एनसीआर दोनों में तेज़ झटके महसूस किए गए थे, और कुछ दिन पहले, 3 अक्टूबर को भी इस क्षेत्र में इसी तरह की तीव्र भूकंपीय गतिविधि महसूस की गई थी।