कश्मीर पर पाकिस्तान में बेचैनी, पाक मीडिया में हलचल तेज
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 5, 2019 01:02 PM2019-08-05T13:02:22+5:302019-08-05T13:02:22+5:30
इसको लेकर कश्मीर पर पाकिस्तान की बेचैनी किसी से छिपी नहीं रही है। लेकिन अब उसकी ये बेचैनी काफी बढ़ गई है। पाकिस्तान की सरकार से लेकर वहां की मीडिया तक में इसको लेकर शोर है। पाकिस्तान के अखबार कश्मीर में बढ़ रही हलचल की खबरों से पटे पड़े हैं।
सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे। शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया।
इसको लेकर कश्मीर पर पाकिस्तान की बेचैनी किसी से छिपी नहीं रही है। लेकिन अब उसकी ये बेचैनी काफी बढ़ गई है। पाकिस्तान की सरकार से लेकर वहां की मीडिया तक में इसको लेकर शोर है। पाकिस्तान के अखबार कश्मीर में बढ़ रही हलचल की खबरों से पटे पड़े हैं।
अखबार और सरकार अपने-अपने तरीके से कयास लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कश्मीर पर भारत की केंद्र सरकार आखिर क्या फैसला लेने जा रही है। लेकिन वह सिर्फ कयास ही लगाता रह गया और भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर पर एतिहासिक फैसला ले लिया।
भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य का दर्जा देने का बड़ा फैसला ले लिया है। इसको फैसले का अंदाजा लगाना पाकिस्तान सरकार और वहां की मीडिया महज 35-ए तक ही सीमित था। यहां पर ये भी बताना बेहद जरूरी है कि आखिर पाकिस्तान के नामी अखबार के संपादकीय में कश्मीर हालात पर आखिर क्या कुछ कहा जा रहा था।
पिछले कुछ समय से पाकिस्तानी मीडिया में कश्मीर को लेकर खबरें और उनमें लिखा झूठ भी काफी बढ़ चुका है। बहरहाल, हम आपको बता दें कि कश्मीर पर पाकिस्तान के नामी अखबार द डॉन में संपादकीय छपा है। इसमें भारत की केंद्र सरकार को हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा सरकार कहकर संबोधित किया गया है।
इसमें लिखा गया है कि भारत जवानों की तैनाती के साथ ही उन इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। भारतीय मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए इस संपादकीय में लिखा गया है कि केंद्र ने कश्मीर में 25 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है।
यह जवान उन दस हजार जवानों से अलग हैं जिन्हें पिछले सप्ताह यहां पर तैनात किया गया था। केंद्र सरकार ने कश्मीर में मौजूद सभी पर्यटकों और हिंदू श्रद्धालुओं को भी यहां से चले जाने को कहा है। इसकी वजह हमले की आशंका जताई गई है।