डेनियल पर्ल हत्या मामला: सिंध सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष न्यायालय में दी चुनौती

By भाषा | Updated: April 23, 2020 20:46 IST2020-04-23T20:46:29+5:302020-04-23T20:46:29+5:30

अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में ब्रिटेन में जन्मे अल-कायदा के शीर्ष नेता अहमद उमर सईद शेख और तीन अन्य को बरी करने के प्रांतीय उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

Daniel Pearl murder case Sindh government challenged the High Court's decision in the top court | डेनियल पर्ल हत्या मामला: सिंध सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष न्यायालय में दी चुनौती

न्यायालय में अपील दायर की कि ‘‘अंतिम बार देखने संबंधी साक्ष्य’’, ‘‘वेष बदलना’’ और ‘‘पहचान परेड’’ आरोपियों के खिलाफ साबित हुई। (file photo)

Highlightsसिंध सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दी है।द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख 38 वर्षीय पर्ल का उस समय अपहरण किया गया था।

इस्लामाबाद:पाकिस्तान की सिंध सरकार ने 2002 में यहां अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में ब्रिटेन में जन्मे अल-कायदा के शीर्ष नेता अहमद उमर सईद शेख और तीन अन्य को बरी करने के प्रांतीय उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख 38 वर्षीय पर्ल का उस समय अपहरण किया गया और उनका सिर कलम कर दिया गया था, जब वह देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई और अल-कायदा के बीच कथित संबंधों की पड़ताल करने वाली एक खबर के सिलसिले में 2002 में पाकिस्तान आए थे। ‘डॉन’ की खबर के अनुसार दक्षिणी सिंध प्रांत की सरकार ने सिंध उच्च न्यायालय के दो अप्रैल के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में बुधवार को याचिका दायर की।

सिंध उच्च न्यायालय ने आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) द्वारा शेख को सुनाई गई मौत की सजा को पलट दिया और तीन अन्य दोषियों फहद नसीम, सलमान साकिब और शेख आदिल को बरी कर दिया। सिंध के महाभियोजक फयाज शाह ने इस आधार पर शीर्ष न्यायालय में अपील दायर की कि ‘‘अंतिम बार देखने संबंधी साक्ष्य’’, ‘‘वेष बदलना’’ और ‘‘पहचान परेड’’ आरोपियों के खिलाफ साबित हुई।

इसके अलावा अपील में कहा गया है कि पत्रकार की हत्या करते हुए दिखाने वाले वीडियो की एक सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की थी और इसे कभी चुनौती नहीं दी गई। अपील में कहा गया है कि आरोपी अभियोजन द्वारा पेश किए गए सबूतों के खिलाफ कोई शक पैदा करने वाली सामग्री पेश करने में नाकाम रहे।
 

इसके अलावा रिमांड के दौरान सह-आरोपियों ने निचली अदालत के न्यायाधीश के समक्ष अपना दोष स्वीकार कर लिया था। अपील में कहा गया है कि अत: यह साबित होता है कि सभी आरोपियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से अपराध को अंजाम दिया और वे पर्ल की हत्या समेत सभी अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं। 

Web Title: Daniel Pearl murder case Sindh government challenged the High Court's decision in the top court

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