दुबई, 27 अक्टूबर (एपी) ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने बुधवार को कहा कि देश भर में गैस स्टेशनों को बंद करने वाले साइबर हमले का उद्देश्य अव्यवस्था और व्यवधान पैदा करके लोगों को नाराज़ करना है, क्योंकि घटना के एक दिन बाद पंपों के बाहर लंबी कतारें लगी हैं।
रईसी ने मंगलवार को हुए साइबर हमले के बाद पहली बार यह टिप्पणी की, लेकिन इस घटना के लिए उन्होंने किसी को विशेष रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया। साइबर हमले के कारण सरकार की ओर से जारी इलेक्ट्रोनिक कार्ड बेकार हो गये, जिसके माध्यम से अनेक ईरानी नागरिक पम्पों पर सब्सिडी वाले ईंधन खरीदते हैं।
हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि उनका और अन्य लोगों का मानना है कि साइबर हमले के पीछे ईरान-विरोधी ताकते हैं, जिन्होंने गैसोलीन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के खिलाफ कार्रवाई के दो साल पूरे होने के अवसर पर इस घटना को अंजाम दिया है ताकि नागरिकों को उद्वेलित किया जा सके।
रईसी ने कहा, ‘‘साइबर युद्ध के क्षेत्र में गंभीर तैयारी होनी चाहिए और संबंधित निकायों को दुश्मन को लोगों के जीवन में समस्या पैदा करने के अपने कुत्सित इरादों को अंजाम देने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।’’
सरकारी टेलीविजन चैनल ने बाद में राष्ट्रपति के, मध्य तेहरान में एक गैस स्टेशन के दौरे का फुटेज दिखाया।
किसी भी समूह या संगठन ने फिलहाल मंगलवार को शुरू हुए साइबर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, हालांकि ये हमले पिछले हमलों के समान हैं, जो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चुनौती देते हैं।
गौरतलब है कि पूरे ईरान के ईंधन बिक्री केंद्र (पेट्रोल पंप) पर मंगलवार को उस समय काम ठप हो गया था, जब ईंधन सब्सिडी की प्रणाली को नियंत्रित करने वाले सॉफ्टवेयर में खराबी आ गई और बिक्री रोकनी पड़ी।
इस बीच ईरान की सरकारी संवाद समिति इरना ने बुधवार सुबह एक अन्य अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि ईरान के 80 फीसदी गैस स्टेशनों में फिर से ईंधन बिक्री शुरू हो गयी है।
एपी ने अपने संवाददाताओं के हवाले से खबर दी है कि तेहरान में गैस स्टेशनों पर लंबी कतारें लगी हैं। एक स्टेशन पर ईंधन के लिए कम से कम 90 कारें कतारबद्ध खड़ी हैं। गैस के लिए अधिक कीमत भी चुकानी पड़ रही है।
इस घटना को साइबर हमले का नाम देने वाली अर्धसरकारी संवाद समिति इसना ने कहा कि जो लोग सरकार द्वारा जारी कार्ड से गैस खरीदने का प्रयास कर रहे थे, उनके पास साइबर हमला 64411 नामक संदेश आ रहा था। संवाद समिति ने बाद में यह रिपोर्ट हटा दी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।