हो गया खुलासा! कोविड-19 से पीड़ित बच्चों में नजर आते हैं हल्के लक्षण, जल्द ही सही इलाज मिलने पर हो जाते हैं स्वस्थ
By भाषा | Updated: April 23, 2020 20:16 IST2020-04-23T20:16:31+5:302020-04-23T20:16:31+5:30
कोरोना पॉजिटिव पाए गए बच्चों को लेकर कई अध्ययन सामने आए हैं, जिनके अनुसार, पीड़ित बच्चों में से ज्यादातर में इस महामारी के हल्के लक्षण ही दिखाई देते हैं और जरूरत पड़ने पर उपचार की स्थिति में एक से दो हफ्ते के भीतर ही पूर्ण रूप से उनका ठीक हो जाना भी संभव है।

सार्स-कोव-2 से पीड़ित बच्चों में बुखार, सूखी खांसी और थकान जैसे लक्षण थे या उनमें संक्रमण के लक्षण ही नहीं थे। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
लंदन: कोविड-19 से पीड़ित बच्चों में से ज्यादातर में हल्के लक्षण ही दिखाई देते हैं और जरूरत पड़ने पर उपचार की स्थिति में एक से दो हफ्ते के भीतर ही पूर्ण रूप से उनका ठीक हो जाना भी संभव है। यह बात विभिन्न अध्ययनों की समीक्षा के बाद सामने आई है जो बच्चों में इस महामारी के लक्षणों और परिणामों के बारे में बताती है।
'जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन' ने 18 अध्ययनों का आकलन किया, जिसमें चीन और सिंगापुर से 1,065 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से ज्यादातर मरीज कोरोना वायरस की चपेट में आए बच्चे थे।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, सार्स-कोव-2 से पीड़ित बच्चों में बुखार, सूखी खांसी और थकान जैसे लक्षण थे या उनमें संक्रमण के लक्षण ही नहीं थे। इटली स्थित पाविया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता भी इस अध्ययन समीक्षा में शामिल रहे। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि केवल एक बच्चे को निमोनिया था, जिसकी हालत सदमे और किडनी के काम न करने के कारण और जटिल हो गई। हालांकि गहन देखभाल आईसीयू में उसका उपचार सफल हुआ।
वैज्ञानिकों ने अध्ययन आकलन में कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित ज्यादातर बच्चे अस्पताल में भर्ती थे और लक्षणयुक्त बच्चों को मुख्यत: सहायक दवाएं दी गईं तथा शून्य से नौ साल की उम्र तक के इन बच्चों में किसी की मौत नहीं हुई। अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि रोगियों में बीमारी की चिकित्सीय विशिष्टता और गंभीरता को समझे जाने की अत्यावश्यकता है। उन्होंने कहा कि वयस्कों के बारे में जहां डेटा उपलब्ध है, वहीं सार्स-कोव-2 से संक्रमित बच्चों के बारे में सीमित विश्लेषण रिपोर्ट हैं।
इस परिप्रेक्ष्य में, कोविड-19 (COVID-19) का मौजूदा समीक्षा अध्ययन चिकित्सीय विशिष्टताओं, जांच परीक्षणों , मौजूदा चिकित्सा पद्धति प्रबंधन और रोग निदान पर प्रकाश डालता है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि बुखार और खांसी प्रमुख लक्षण थे। ये दोनों लक्षण सभी छह अध्ययनों में सामने आए। 13 महीने के बच्चे से जुड़े एकमात्र मामले में गंभीर लक्षण थे।