लाइव न्यूज़ :

कोविड-19: ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई पृथक-वास केन्द्र या अस्पताल के बजाय घर पर ही ठीक हो जाते हैं

By भाषा | Updated: September 4, 2021 16:35 IST

Open in App

(डेविड किंग, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में जनरल प्रैक्टिस के वरिष्ठ व्याख्याता) ब्रिस्बेन (ऑस्ट्रेलिया), चार सितंबर (द कन्वरसेशन) कोविड-19 से संक्रमित ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई एक पृथक-वास केन्द्र या अस्पताल के बजाय घर पर ही इस महामारी ठीक हो जाते हैं। लगभग दस प्रतिशत को ही अस्पताल में इलाज की आवश्यकता होती है। हालांकि, कुछ ऐसे लोग जिनकी स्थिति गंभीर हो गई थी, उन्हें बेहतर देखभाल नहीं मिलने के कारण उनकी घर पर ही मौत हो गई। ऐसा लगता है कि घर पर कोविड-19 से इस तरह की मौतों के पीछे दो कारक रहे हैं: स्वास्थ्य देखभाल मिलने की कथित लागत और जोखिमों के बारे में चिंता; और संक्रमण के कारण हालत बिगड़ने पर अन्य जटिलताओं की अचानक शुरुआत। जब घर पर लक्षण अचानक से बिगड़ते हैं तो एम्बुलेंस को कब कॉल करना है और मुझे किसके लिए सचेत रहना है? एक जीपी (जनरल प्रैक्टिसनर) के रूप में मुझसे यह सवाल अक्सर पूछा जाता है। मरीज स्वाभाविक रूप से मार्गदर्शन चाहते हैं ताकि उन्हें मदद लेने में बहुत देरी न हो जाये। इसे ‘‘सुरक्षा जाल’’ कहा जाता है। लोग चिंता पैदा करने वाले लक्षणों के बारे में भी सलाह लेते हैं और मदद कैसे और कब लेनी है, इस बारे में विशिष्ट जानकारी प्राप्त करते हैं। कोविड-19 के साथ, संक्रमण का प्राकृतिक तरीका बदलता रहता है। सर्दी और फ्लू जैसे लक्षणों के साथ जो शुरू होता है, वह पांच दिनों के भीतर सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। सभी रोगियों में ऐसे लक्षण नहीं मिलते हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी होता है। लेकिन जो लोग अस्पताल जाते हैं, उनमें यह आमतौर पर लक्षण शुरू होने के लगभग 4-8 दिनों के बाद होता है। हम जानते हैं कि कोविड-19 फेफड़ों के साथ-साथ कई अंगों को प्रभावित करता है। इसमें निमोनिया, यकृत या गुर्दे का खराब होना, दिल का दौरा, स्ट्रोक, रक्त के थक्के और तंत्रिका क्षति जैसी कई जटिलताएं शामिल हैं। इन कोविड जटिलताओं के कुछ लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी, सिर चकराना, भ्रम या चिड़चिड़ापन, सीने में लगातार दर्द या दबाव, उच्च तापमान (38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर), कम चेतना (कभी-कभी दौरे या स्ट्रोक से जुड़ी), ठंड लगना आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में हर किसी को ‘सांस लेने में दिक्कत’ महसूस नहीं होती। कोविड की गंभीर स्थिति वाले मुख्य कारकों में शामिल हैं: सात दिनों से अधिक समय तक चलने वाले लक्षण और प्रति मिनट 30 बार से ज्यादा सांस लेना। कुछ कोविड रोगियों में ‘‘हैप्पी’’ या ‘साइलेंट’ हाइपोक्सिया होता है। यह रक्त में ऑक्सीजन के निम्न स्तर का लक्षण है और उनमें कोई संकेत भी नहीं दिखाई देते है। इन मरीजों की हालत अचानक बिगड़ सकती हैं। तेज और गहरी सांस लेना फेफड़ों के प्रभावित होने के शुरुआती चेतावनी वाले संकेत हैं। यदि आपको पहले ही कोविड-19 होने का पता चल चुका है और आप अपने लक्षणों के बारे में चिंतित हैं, तो उस फोन नंबर पर कॉल करें जो आपको आपकी स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाई, या आपके स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा दिया जाएगा। हालांकि, स्थिति अधिक खराब होने पर तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें। ऑपरेटर को बताएं कि आपको कोविड है। यदि कोविड की स्थिति गंभीर हो जाती है तो अस्पताल में रहने से बेहतर देखभाल और उपचार से आपके कोविड की जटिलताओं से बचने और अच्छी तरह से ठीक होने की संभावना बढ़ जाएगी। हालांकि, यदि आपको पूरी तरह से टीका लगाया गया है तो इनमें से कोई भी जटिलता होने की आशंका बहुत कम है। तो अपने आप को बचाने का सबसे अच्छा और बेहतर तरीका टीका लगवाना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटAus vs ENG: इंग्लैंड 334 रन पर आउट, रूट 138 रन बनाकर रहे नाबाद

विश्व124 साल के इतिहास में पहली बार, 62 साल के ऑस्ट्रेलिया पीएम एंथनी अल्बनीस ने 46 वर्षीय जोडी हेडन से किया विवाह

भारतजापान के युशी तनाका को 21-15, 21-11 से हराकर लक्ष्य सेन चैंपियन, 475,000 डॉलर इनामी ऑस्ट्रेलियाई ओपन सुपर 500 बैडमिंटन पर किया कब्जा

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

क्रिकेटIND vs AUS Highlights: भारत ने चौथे टी20 में मारी बाजी, ऑस्ट्रेलिया को 48 रनों से हराया

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए