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एशिया में करीब 20 हजार साल पहले प्रकोप दिखा चुका है कोरोना वायरस, शोध के दौरान डीएन से मिले सबूतों ने किया खुलासा

By अभिषेक पारीक | Updated: June 26, 2021 20:10 IST

कोरोना वायरस दुनिया के लिए चिंता बना हुआ है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोरोना वायरस ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया है। करीब 20 हजार साल पहले भी कोरोना वायरस पूर्वी एशिया में प्रकोप दिखा चुका है।

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ठळक मुद्देकरीब 20 हजार साल पहले भी कोरोना वायरस पूर्वी एशिया में प्रकोप दिखा चुका है। ‘करंट बायोलॉजी‘ में प्रकाशित शोध का दावा है कि आनुवांशिक निशान शेष रह जाते हैं।शोध को ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी के यासिने सौइल्मी और रे टॉबलर ने किया है। 

कोरोना वायरस दुनिया के लिए चिंता बना हुआ है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोरोना वायरस ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया है। करीब 20 हजार साल पहले भी कोरोना वायरस पूर्वी एशिया में प्रकोप दिखा चुका है। यह दावा 'करंट बायोलॉजी' में प्रकाशित एक शोध में किया गया है। इसे ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी के यासिने सौइल्मी और रे टॉबलर ने किया है। 

यासिने सौइल्मी और रे टॉबलर का कहना है कि संभवतः महामारियां मानव के इतिहास जितनी ही पुरानी है। बीसवीं शताब्दी में इंफ्लूएंजा वायरस के तीन प्रकारों ने 1918-20 में स्पेनिश फ्लू, 1957-58 में एशियन फ्लू और 1968-69 में हांगकांग फ्लू में से हरेक ने व्यापक तबाही मचाई और बड़ी संख्या में लोगों की जान ली। साथ ही उन्होंने बताया है कि शरीर के वायरस के अनुकूल ढलने के बाद भी कई आनुवांशिक निशान शेष रह जाते हैं। 

प्रजनन नहीं करते वायरस

दरअसल, वायरस ऐसे जीव होते हैं, जो अपनी प्रतिकृति बनाते हैं। स्वतंत्र रूप से प्रजनन नहीं करने के कारण अन्य जीवों की कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं। वायरस मेजबान कोशिका से पैदा विशिष्ट प्रोटीन से जुड़ते हैं। इसे हम इंटरेक्टिंग प्रोटीन यानी वीआईपी कहते हैं। 

जीनोम विश्लेषण से पता चला

जीनोम विश्लेषण के दौरान वीआईपी के बारे में पता चला है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने दुनिया के 26 देशों के ढाई हजार से ज्यादा लोगों के जीनोम का अत्याधुनिक कंप्यूटेशनल प्रणाली से विश्लेषण किया। जिसमें 42 अलग-अलग जीन में अनुकूलता के प्रमाण मिले हैं। 

20 हजार साल पहले संपर्क में आए पूर्वी एशियाई

यह वीआईपी पूर्वी एशिया के पांच स्थानों की आबादी में मौजूद थे। जिससे माना जा रहा है कि वायरस परिवार के पूर्व में सामने आए वायरस की उत्पत्ति इन्हीं स्थानों पर हुई। इसी कारण यह माना जा रहा है कि पूर्वी एशियाई देशों के लोग करीब 20 हजार साल पहले ही कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके थे। इसके अवशेष चीन, जापान और वियतनाम के लोगों के डीएनए में पाए गए हैं। 

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