Coronavirus: कोरोना की वजह से अमेरिकी किसानों को दूध फेंकना पड़ रहा है, जानें किसानों के नुकसान पर डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा

By भाषा | Published: April 11, 2020 05:16 PM2020-04-11T17:16:19+5:302020-04-11T17:16:19+5:30

अमेरिकी फार्म ब्यूरो ने कहा, ‘‘स्कूल, विश्वविद्यालय, रेस्तरां, बार और कैफेटेरिया अब दूध, मांस, फल, सब्जियां और अन्य खाद्य नहीं खरीद रहे हैं, जिससे फसल और पशुधन की कीमतों में गिरावट आई है।’’

Coronavirus: Corona causes American farmers to throw milk, Learn what Donald Trump said about the loss of farmers | Coronavirus: कोरोना की वजह से अमेरिकी किसानों को दूध फेंकना पड़ रहा है, जानें किसानों के नुकसान पर डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

Highlightsशिकागो में बाजार में मांस के लिए बिकने वाले जीवित पशुओं की कीमतें लगभग 30 प्रतिशत तक गिर गई हैं, लेकिन दुकानों में मांस महंगा हो गया।डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, ‘‘हम हमेशा अपने महान किसानों, मवेशियों, खेतिहरों और उत्पादकों की मदद के लिए मौजूद रहेंगे।

न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस महामारी ने अमेरिकी किसानों का हाल बुरा कर दिया है।बाजार बंद होने से उनका माल उठ नहीं रहा है, मवेशी बिक नहीं रहे हैं और उन्हें रखने की जगह न होने से दूध तक खेतों में उड़ेलना पड़ रहा है। मांस महंगा हो गया है पर शिकागो मंडी में सूचीबद्ध मवेशियों के भाव घट गए हैं। 

महामारी से उत्पन्न हालात में रेस्तरां से लेकर डिपार्टमेंटल स्टोर जैसे उद्योग और सेवाएं मजबूरन बंद करनी पड़ी हैं लेकिन किसानों ने काम करना बंद नहीं किया है। पर किसानों के उत्पाद की मांग अनिश्चत है। अमेरिकी किसानों को हो रहे नुकसान को देखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, ‘‘हम हमेशा अपने महान किसानों, मवेशियों, खेतिहरों और उत्पादकों की मदद के लिए मौजूद रहेंगे।"

आपूर्ति श्रृंखला मे लगे लोगों को नई परिस्थितियों से निपटने में कठिनाई हो रही है। डेयरी किसानों के लिए अपने उत्पाद संभालना मुश्किल हो रहा है। पेंसिल्वेनिया मेंअपने पति के साथ 70-गायों का डेयरी फार्म को चलाने वाली ब्रेंडा कोचरान ने कहा कि हाल ही में दो बार उन्हें अपने दूध को फेंक देने का आदेश दिया गया था।

पर्यावरणीय नियमों के अनुरूप, इस दंपति को अपने अतिरिक्त दूध को खाद का छिड़काव करने वाले वाहन में लाद कर अपने खेतों में फेंकना पड़ा। कोचरन ने कहा कि एक तरफ तो ‘‘हम अपने दूध को फेंकने को बाध्य हो रहे हैं और उसी समय प्रेस में यह तस्वीर दिखती है कि डेयरी उत्पादों के रैक खाली पड़े हैं। ये चीज हमें गुस्सा दिलाती है।’’

कोचरान ने कहा, ‘‘ कोविड-19 को लेकर बाकी लोगों की चिंता हमारी भी चिंता है।’’ लेकिन वर्षों से डेयरी उत्पादों के दाम कम होने के कारण हम हर महने अपने खर्चों के बिल पूरा नहीं कर पाते । यह हमारी दीर्घकालिक चिंता है। अमेरिका में किसानों के मुख्य संघ ने चेतावनी दी है कि दुनिया की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में खेती के लिए वायरस के कारण होने वाली परेशानियों का प्रभाव बड़ा व्यापक होगा।

अमेरिकी फार्म ब्यूरो ने कहा, ‘‘स्कूल, विश्वविद्यालय, रेस्तरां, बार और कैफेटेरिया अब दूध, मांस, फल, सब्जियां और अन्य खाद्य नहीं खरीद रहे हैं, जिससे फसल और पशुधन की कीमतों में गिरावट आई है।’’ बीफ उद्योग एक विरोधाभासी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर शिकागो में बाजार में मांस के लिए बिकने वाले जीवित पशुओं की कीमतें लगभग 30 प्रतिशत तक गिर गई हैं, लेकिन दुकानों में मांस महंगा हो गया। जिंस बाजार विश्लेषक, माइक जुजोलो ने कहा, ‘‘ हाजारि बाजार में, आपूर्ति श्रृंखला के टूटने से चारों ओर गड़बड़ी पैदा हो गई है।

वायदा बाजार है कि वह रेस्त्रां उद्योग के बंद होने से मांग को लेकर चिंतित है।’’ समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि मांस करोबार से जुड़े राष्ट्रीय संगठन नेशनल कैटलमेन्स बीफ एसोसिएशन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हालाल की जांच करवाने के लिए कहा है। राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया कि उन्होंने कृषि सचिव को निर्देश दिया है कि ‘‘अभी नुकसान उठा रहे हमारे किसानों, विशेष रूप से छोटे किसानों की मदद के काम में तेजी लायी जाए।’’ नवंबर दोबारा चुनाव जीतने की तैयारी में लगे ट्रम्प ने कहा, ‘‘हम हमेशा अपने महान किसानों, मवेशियों, खेतिहरों और उत्पादकों की मदद के लिए मौजूद रहेंगे!’

’ इस परिस्थिति का नुकसान बिचौलिया कंपनियों को भी हो रहा है। मांस कारोबार की दिग्गज कंपनी टायसन फूड्स को कर्मचारियों में कोविड-19 के 20 से अधिक मामलों का पता लगने पर लोवा की अपनी सुअर मांस फैक्टरी बंद करनी पड़ी है। जनवरी के मध्य में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के शांत होने के बाद अमेरिकी किसान उसका लाभ लेने की उम्मीद करते हुए बुवाई के मौसम कीतैयारी कर रहे हैं लेकिन इसकी जगह वे अब और विकट स्थिति में फंस गये हैं। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किये गये उपायों की वजह से इथेनॉल से बने जैव ईंधन की मांग में भी गिरावट आई है।

अमेरिका में उत्पादित मकई के लगभग एक तिहाई हिस्से का इस्तेमाल इथेनॉल बनाने के लिए किया जाता है । मध्य जनवरी से मकई की कीमतें 15 प्रतिशत तक गिर गई हैं। कपास की कीमतें भी 11 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इस लिए हो रहा है क्यों कि लोग नए कपड़ों पर खर्च कम कर रहे हैं वायरस के चपेट में आये कपड़ा-उत्पादक देशों में कारखाने बंद हैं और लोगों का रुझान सिंथेटिक फाइबर की ओर बढ़ना है। कच्चेतेल के सस्ता होने से सिंथेटिक फाइबर भी सस्ता हो गया है। 

Web Title: Coronavirus: Corona causes American farmers to throw milk, Learn what Donald Trump said about the loss of farmers

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