वाशिंगटन, 20 सितंबर कोरोना वायरस के कई स्वरूप हवा के जरिए काफी दूरी तक पहुंच सकते हैं और लोगों को सुरक्षा के लिए टाइट फिटिंग वाले मास्क पहनने चाहिए। संक्रमण रोकने के लिए टीकाकरण करवाना भी बहुत जरूरी है। एक अध्ययन में यह कहा गया है।
अमेरिका में मेरीलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोग अपनी सांस के जरिए संक्रमण फैला सकते हैं और अल्फा स्वरूप किसी अन्य स्वरूप की तुलना में हवा में 43 से 100 गुना अधिक फैलता है।
शोध पत्रिका ‘क्लीनिकल इन्फेक्शस डिजीज’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कपड़े के बने मास्क और सर्जिकल मास्क हवा में वायरस को फैलने और लोगों को संक्रमण से रोकते हैं। मेरीलैंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉन मिल्टन ने कहा, ‘‘हमारा नया अध्ययन हवा के जरिए संक्रमण के फैलने के महत्व को रेखांकित करता है।’’
मिल्टन ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि अल्फा स्वरूप की तुलना में डेल्टा स्वरूप ज्यादा संक्रामक है। हमारा अध्ययन यह दिखाता है कि कोरोना वायरस का अलग-अलग स्वरूप हवा के जरिए काफी दूरी तक जा सकता है। इसलिए हमें संक्रमण रोकने के लिए टाइट फिटिंग वाले मास्क पहनने चाहिए। इसके साथ टीकाकरण करवाना भी बहुत जरूरी है।
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