कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहे चीनी रिसर्चर की अमेरिका में हत्या, करने वाला था बड़ा खुलासा
By सुमित राय | Updated: May 7, 2020 14:24 IST2020-05-07T14:24:41+5:302020-05-07T14:24:41+5:30
37 साल के चीनी रिसर्चर बिंग ली साथ काम करने वाले लोगों का कहना है कि वो कोविड-19 को लेकर 'अहम खोज' के करीब थे और अपनी रिसर्च को सार्वजनिक करने वाले थे।

बिंग लिउ चीन के रहने वाले थे और उन्होंने सिंगापुर से पढ़ाई की थी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस पर रिसर्च करने वाले एक चीनी रिसर्चर बिंग लिउ की अमेरिका के पेनसिलवानिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। 37 साल के बिंग ली अपने घर में मृत पाए गए। लिउ यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग के स्कूल ऑफ मेडिसीन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे।
पुलिस विभाग के अनुसार पिट्सर्ब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिंग लिउ शनिवार को उत्तरी पिट्सबर्ग की रॉस टाउनशिप में स्थित अपने घर में मृत मिले। उनके सिर, गर्दन, धड़ और हाथ-पैरों में गोलियों के निशान थे।
जांच अधिकारियों का मानना है कि अपनी कार में मृत मिले 46 वर्षीय एक व्यक्ति ने लिउ की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर अपनी कार में लौटकर आत्महत्या कर ली।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार डिटेक्टिव सार्जेंट ब्रियान कोहलेप ने कहा कि पुलिस का मानना है कि दोनों लोग एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि लिउ की हत्या उनके चीनी होने की वजह से की गई।
यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए लिउ के अनुसंधान कार्यों को याद किया। पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के सहकर्मियों ने कहा, "लिउ सार्स-कोव-2 संक्रमण से जुड़े कोशिकीय तंत्र को समझने की दिशा में महत्वपूर्ण खोज करने के करीब थे। वह बहुत ही प्रतिभावान और परिश्रमी थे।"
बिंग लिउ के साथ काम करने वाले लोगों का कहना है कि वो कोविड-19 को लेकर 'अहम खोज' करने के करीब पहुंच चुके थे। बिंग लिउ अपनी रिसर्च को सार्वजनिक करने वाले थे कि उससे पहले उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि बिंग लिउ के रिसर्च में कुछ ऐसा था जो कुछ लोग बाहर नहीं आने देना चाहते थे।
बता दें कि बिंग लिउ चीन के रहने वाले थे और उन्होंने सिंगापुर से ग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वो अमरीका शोध के लिए चले गए थे।