चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियाराः यूएस ने चीन पर किया हमला, कहा- पाक पर  ‘अनुचित, उत्पीड़क’ कर्ज का बोझ कम हो

By भाषा | Published: May 21, 2020 02:16 PM2020-05-21T14:16:38+5:302020-05-21T14:16:38+5:30

कोरोना वायरस के साथ ही अमेरिका ने चीन पर फिर हमला किया है। यूएस ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के कारण चाइना ने पाक के साथ गलत व्यवहार कर रहा है। वह पाकिस्तान का शोषण कर रहा है।

China-Pakistan Economic Corridor US attacked China, said-Pakistan's 'unfair, harassing' debt burden reduced | चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियाराः यूएस ने चीन पर किया हमला, कहा- पाक पर  ‘अनुचित, उत्पीड़क’ कर्ज का बोझ कम हो

परियोजना में पारदर्शिता का अभाव है और चीनी संगठनों को अनुचित दर पर लाभ मिल रहा है। (file photo)

Highlightsविदेश विभाग की कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने संवाददाताओं से कहा कि चाहें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) हो या कोई दूसरी सहायता हो।अमेरिका हमेशा ऐसे निवेश का समर्थन करता है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हो, पर्यावरण को बेहतर बनाता हो और जिससे क्षेत्रीय लोगों को फायदा होता हो।

वाशिंगटनः अमेरिका ने बुधवार को चीन ने कहा कि वह पाकिस्तान को दिए गए ‘‘अनुचित और उत्पीड़क’’ कर्ज के बोझ को कम करने के उपाय करे।

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विदेश विभाग की कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने संवाददाताओं से कहा कि चाहें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) हो या कोई दूसरी सहायता हो, अमेरिका हमेशा ऐसे निवेश का समर्थन करता है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार हो, पर्यावरण को बेहतर बनाता हो और जिससे क्षेत्रीय लोगों को फायदा होता हो।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैंने सीपीईसी को लेकर अमेरिकी सरकार की चिंताओं का उल्लेख किया है, इस परियोजना में पारदर्शिता का अभाव है और चीनी संगठनों को अनुचित दर पर लाभ मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कोविड-19 जैसे संकट के समय, जब दुनिया अर्थव्यवस्था के बंद होने के नतीजों के जूझ रही है, चीन के लिए यह जरूरी है कि वह इस उत्पीड़क, बोझिल और अनुचित कर्ज के बोझ को कम करने के लिए कदम उठाए।’’ वेल्स ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि चीन या तो कर्ज माफ करेगा या उसका पुनर्गठन करेगा।

व्हाइट हाउस ने चीन की ‘‘दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों’ पर साधा निशाना

कोरोना वायरस से निपटने को लेकर चीन के खिलाफ कठोर बयानबाजी करने के बीच व्हाइट हाउस ने बुधवार को आक्रामक आर्थिक नीतियों, सैन्य ढांचा बढ़ाने, गलत सूचना फैलाने का अभियान चलाने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के लिए बीजिंग पर बुधवार को निशाना साधा।

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि 20 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं दिखाया गया है लेकिन इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस उम्मीद से कड़ा रुख अपनाया है कि यह कोरोना वायरस से निपटने को लेकर चीन पर मतदाताओं के आक्रोश को भुनाने का काम करेगा क्योंकि इस संक्रामक रोग से करोड़ों अमेरिकी बेरोजगार हो गए। व्हाइट हाउस के इस रिपोर्ट को जारी करने से पहले बुधवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, ‘‘मीडिया का ध्यान मौजूदा वैश्विक महामारी के खतरों पर केंद्रित है लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश की गई सबसे बड़ी चुनौती पर नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चीन का शासन 1949 से एक क्रूर, तानाशाही सरकार करती रही है। कई दशकों तक हम सोचते रहे कि सरकार हमारी तरह बनेगी, कारोबार के माध्यम से, वैज्ञानिक आदान-प्रदान से, या राजनयिक पहुंच के जरिए। उन्हें विश्व व्यापार संगठन में भी एक विकासशील देश के तौर पर शामिल किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’ बाद में विदेश विभाग ने एलान किया कि उसने ताइवान की सेना को आधुनिक टोर्पीडो बेचने की मंजूरी दे दी है। इस कदम पर निश्चित तौर पर चीन नाराजगी जाहिर करेगा क्योंकि वह ताइवान को अपना ही हिस्सा बताता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पिछले दो दशकों में चीन में सुधार धीमा और बाधित हुआ है। अमेरिका और चीन के बीच अपनी ताकत दिखाने की प्रतिस्पर्धा का ताजा उदाहरण विश्व स्वास्थ्य संगठन में देखने को मिला। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की इस सप्ताह वार्षिक सभा में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल हुए शी चिनफिंग ने और अधिक धनराशि तथा समर्थन की पेशकश की। इस बीच ट्रम्प ने एक पत्र लिखकर डब्ल्यूएचओ पर चीन के साथ मिलकर कोरोना वायरस के मामले में पर्दा डालने का आरोप लगाया और उसे अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले वित्त पोषण को स्थायी तौर पर रोकने की धमकी दी।

 

Web Title: China-Pakistan Economic Corridor US attacked China, said-Pakistan's 'unfair, harassing' debt burden reduced

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